Ajmer Flood: अजमेर के बोरा तालाब की पाल टूटने से हुए भीषण हादसे के बाद प्रशासन की राहत व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हातीखेड़ा स्थित महात्मा गांधी गवर्नमेंट स्कूल को राहत शिविर बनाया गया था, लेकिन एक भी पीड़ित परिवार वहां नहीं पहुंचा। लोग अपने घरों में रहने या रिश्तेदारों के यहां जाने को मजबूर हैं, जहां वे कीचड़, गंदगी और क्षतिग्रस्त सामान से जूझ रहे हैं। प्रभावित परिवारों का आरोप है कि प्रशासन ने उनसे कोई बातचीत नहीं की और उनकी जरूरतों का आकलन नहीं किया। देखें, किस तरह लोग अपने घरों की सफाई में जुटे हैं और उनके पैरों में छाले तक पड़ गए हैं।