यह मामला अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) के बारे में है, जहां हिंदू सेना की याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है, जिसमें दरगाह को शिव मंदिर बताने का दावा किया गया था. इसके बाद, जुम्मे की नमाज के दौरान बड़ी संख्या में जायरीन अजमेर शरीफ आए, और सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी गई. राजस्थान (Rajasthan) और अन्य राज्यों से आने वाले जायरीन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारियों ने दरगाह के आसपास और मुख्य द्वार पर भारी पुलिस बल तैनात किया. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की निगरानी भी की और सभी प्रवेश द्वारों पर चेकिंग की व्यवस्था की. इस विवाद को देखते हुए, प्रशासन ने सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कानूनी कदम उठाए हैं. याचिका के अनुसार, किताब में दावा किया गया था कि दरगाह स्थल पर पहले एक मंदिर था, जिसमें ब्राह्मण दंपति पूजा करते थे. हालांकि, पुरातात्विक सर्वेक्षण और ASI की रिपोर्ट के आधार पर, इस दावे को नकारा गया है. इस समय, प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं.