BJP MLA Surrender: ट्रायल कोर्ट ने 2018 में उन्हें बरी कर दिया था, लेकिन एडीजे कोर्ट, अकलेरा ने 2020 में उन्हें दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई. हाईकोर्ट ने एक मई 2025 को यह सजा बरकरार रखी और अब सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली है.