Rajasthan News: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को आमतौर पर 'पक्षियों का स्वर्ग' कहा जाता है, लेकिन यह उद्यान केवल पक्षियों के लिए ही नहीं, बल्कि अनेक दुर्लभ और विलुप्त प्राय प्रजातियों के कछुओं के लिए भी एक जैव विविधता का समृद्ध भंडार है. राजस्थान में पाई जाने वाली कछुओं की कुल 10 प्रजातियों में से 8 प्रजातियां अकेले इस एक उद्यान में मौजूद हैं. यानी करीब 80% कछुआ जैव विविधता सिर्फ इस एक स्थल पर सजीव है.