इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया. इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को तुरंत रोकने के आदेश दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान इस मामले में आंखे बंद नहीं कर सकता. केवल इस आधार पर कि इसका गलत उपयोग हो रहा है. काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है.