जैसलमेर की इस खास व्यवस्था से कई गांवों की बुझ सकती है प्यास

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  • प्रकाशित: जुलाई 18, 2024

Jaisalmer Water Crisis: यह चार बेरियों का समूह है, जो आसपास के 12 से 15 गांवों कि प्यास बुझाते थे. इन अलग-अलग बेरियों का पानी अलग-अलग गांवों में बंटता था. इनमें से कुछ बेरिया 500 से 700 साल पुरानी हैं, तो कुछ उससे भी ज्यादा समय पहले बनी थी. जैसलमेर देगराय (Jaisalmer Degrai) ओरण क्षेत्र में मनियारा तला के नाम से पहचाने जाने वाली 4 बेरियों के समूह की पहली बेरी 'नोड बेरी' से की गई है.

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