बांसवाड़ा और डूंगरपुर में लगातार बढ़ रही टीबी के मरीजों की संख्या

डूंगरपुर जिले में जहां 2651 टीबी के मरीज सामने आए हैं, तो वहीं बांसवाड़ा में 2823 टीबी के मरीज सामने आए हैं. ब्लॉक अनुसार देखें तो सबसे अधिक टीबी के मरीज सागवाड़ा ब्लॉक में हैं. जहां पर 784 लोगों में टीबी रोग चिन्हित किया गया है.

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अशिक्षा और जागरूकता की कमी के चलते अभी भी कई क्षेत्र में टीबी के मरीज सामने आ रहे हैं

बांसवाड़ा: केंद्र और राज्य सरकार ने राजस्थान को वर्ष 2025 तक टीबी रोग मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है. लेकिन जनजाति बहुल क्षेत्र बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले में जिस गति से इसके लिए प्रयास चल रहे हैं, इससे लगता नहीं है कि यह लक्ष्य इतनी आसानी से प्राप्त हो सकेगा. अशिक्षा और जागरूकता की कमी के चलते अभी भी कई क्षेत्र में टीबी के मरीज सामने आ रहे हैं. जनजाति जिले बांसवाड़ा और डूंगरपुर में सबसे अधिक टीबी के मरीज सागवाड़ा कस्बे के आस-पास के क्षेत्र में चिन्हित किए गए हैं. क्योंकि इस क्षेत्र से सबसे अधिक पलायन भी होता है. 

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डूंगरपुर जिले में जहां 2651 टीबी के मरीज सामने आए हैं, तो वहीं बांसवाड़ा में 2823 टीबी के मरीज सामने आए हैं. ब्लॉक अनुसार देखें तो सबसे अधिक टीबी के मरीज सागवाड़ा ब्लॉक में हैं. जहां पर 784 लोगों में टीबी रोग चिन्हित किया गया है. वहीं, सीमलवाड़ा में 588, आसपुर में 219 , डूंगरपुर ब्लॉक में 375 मरीज सामने आए हैं. इसी तरह बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में 407, बागीदौरा में 311, घाटोल 472, तलवाड़ा ब्लॉक में 400, छोटी सरवन 141, सज्जनगढ़ 158, आनंदपुरी 222 और परतापुर में 406 और बांसवाड़ा ब्लॉक में 300 मरीजों का वर्तमान में टीबी का उपचार चल रहा है. डूंगरपुर जिले में 111 बच्चें टीबी से ग्रस्त हैं. तो वहीं बांसवाड़ा जिले में 146 बच्चें इस रोग की जद में हैं. 

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आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में राजस्थान में 1 लाख 50 हजार मरीजों को नोटिफाई किया था. वर्तमान में टीबी रोग ट्रीटमेंट के लिए 130 मशीनें उपलब्ध हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक सरकार हर ब्लॉक में यह मशीन उपलब्ध करवाने की योजना बना रही है. आपको बता दें कि सरकार निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी संक्रमित मरीजों को हर महीने 500 रुपये की आर्थिक सहायता भी दे रही है.

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