GST Rates: पॉपकॉर्न पर तीन तरह के टैक्स, GST काउंसिल का फैसला, निर्मला सीतारमण ने बताया- क्या सस्ता, क्या हुआ महंगा

GST Council Meeting Highlights: शनिवार 21 दिसंबर को जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की बैठक समाप्त होने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉफ्रेंस में बैठक में हुई चर्चा और लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी.

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GST Council मीटिंग के बाद फैसलों की जानकारी देती वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण.

GST Council Meeting Highlights: राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक समाप्त हो गई है. शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक समाप्त होने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉफ्रेंस में बैठक में हुई चर्चा और लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी. इस बैठक में कई राज्यों के सीएम (जो वित्त मंत्री का जिम्मा भी संभालते हैं) के साथ-साथ कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए. राजस्थान में दूसरी बार हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में वित्त मंत्री ने बताया कि फॉर्टिफाइड चावल के कर्नेल्स पर जीएसटी दर को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य विमान टरबाइन ईंधन को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हैं. 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ''राज्य इस बारे में सहज नहीं थे. वे एटीएफ नहीं चाहते थे, क्योंकि वे इसे कच्चे पेट्रोलियम-डीजल उत्पाद की श्रेणी में देखते हैं और इसलिए उन्होंने कहा कि इसे अकेले नहीं हटाया जा सकता. इसलिए इस पर यथास्थिति बनी हुई है.''

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बीमा प्रीमियम में कमी का नहीं लिया गया फैसला

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया, क्योंकि मंत्रियों के समूह (जीओ) को इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए अधिक समय की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि बीमा नियामक इरडा सहित कई पक्षों से सुझावों का इंतजार है.

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उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी परिषद ने दर युक्तिकरण के संबंध में निर्णय को भी स्थगित कर दिया है, क्योंकि जीओएम को व्यापक अध्ययन के लिए अधिक समय की जरूरत है. परिषद ने फोर्टिफाइड चावल और जीन थेरेपी सहित विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी दर संशोधन के संबंध में सुझाव दिए

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पॉपकॉर्न पर तीन तरह के टैक्स प्रस्तावित

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद बताया गया कि अब पॉपकॉर्न पर तीन तरह के जीएसटी रेट्स प्रस्तावित किए गए. ऐसे में पॉपकॉर्न पर 3 तरह के टैक्‍स लग सकते हैं. पहले नमक और मसालों के साथ मिक्‍स रेडी टूट ईट वाले पॉपकॉर्न पर 5% GST लगाने का सुझाव दिया गया है. शर्त है कि ये पहले से पैक ना हो. पहले से पैक और लेबल वाले पॉपकॉर्न पर 12 फीसदी GST लगेगा, जबकि कारमेल पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत टैक्‍स लगेगा.
 

  • वित्त मंत्री ने बताया कि इसके अलावा सतह से हवा में मार मरने वाली मिसाइलों पर IGST (इंटर स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) छूट को बढ़ा दिया गया है. 
  • साथ ही देश से बाहर माल भेजने वाले सप्लायर्स को सप्लाई पर कंपेंसेशन सेस की कम कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि इस फैसले से एक्सपोर्टर्स का वर्किंग कैपिटल बढ़ेगा. 
  • इसके अलावा 50 फीसदी फ्लाई ऐश वाले एसीसी ब्लॉक्स पर 12 फीसदी जीएसटी लगाए जाने की घोषणा भी वित्त मंत्री ने प्रेस कॉफ्रेंस में की. 
  • इसके साथ-साथ वित्त मंत्री ने बताया कि जब किसान काली मिर्च और किशमिश की सप्लाई करेंगे तो उसपर जीएसटी नहीं लगेगी.

45 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती:  जीएसटी काउंसिल ने 45 वस्तुओं पर टैक्स दरों में कमी की घोषणा की गई है. जिससे जनता और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी.  

जीन थैरेपी को जीएसटी से छूटः नवीन चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए जीन थैरेपी पर जीएसटी पूरी तरह से माफ कर दी गई है.  

रक्षा उपकरणों पर छूट बरकरार: 2019 के निर्णय के तहत रक्षा क्षेत्र के उपकरणों पर दी जा रही जीएसटी छूट को जारी रखा गया है.  

निर्यातकों के लिए विशेष राहत: निर्यात से जुड़े उत्पादों पर जीएसटी दरें घटाकर निर्यातकों को प्रोत्साहन दिया गया है.  

एटॉमिक ऊर्जा उपकरणों पर कर माफी: एटॉमिक ऊर्जा एजेंसी के निरीक्षण से संबंधित उपकरणों पर जीएसटी में पूर्ण छूट प्रदान की गई है.  

खाद्य वितरण उत्पादों पर टैक्स राहत: मुफ्त वितरण के लिए तैयार किए जाने वाले खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दरों को घटाया गया है.  

वित्त मंत्री ने इन निर्णयों को देश की आर्थिक मजबूती और जनता के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग, निर्यात, चिकित्सा, और सामाजिक कल्याण के बीच संतुलन बनाते हुए नीति निर्माण कर रही है.  

इन सुधारों से व्यापारियों और आम जनता को जीएसटी का सकारात्मक प्रभाव महसूस होगा. साथ ही, रक्षा और चिकित्सा क्षेत्रों में नए अवसर पैदा होंगे. वित्त मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में जीएसटी काउंसिल कुछ और बड़े फैसले ले सकती है, जो देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देंगे.

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