GST Council Meeting: राजस्थान के जैसलमेर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई है. इस बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर दर में कटौती समेत कई बड़े फैसले लिए गए हैं. फिलहाल इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए संभावित टैक्स परिवर्तनों पर फैसला टाल दिया है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स समेत पुराने वाहनों पर टैक्स में बढ़ोत्तरी की गई है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत टैक्स करने का फैसला किया गया है.
आम लोगों पर क्या असर
जानकारी के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रिक वाहन और पुरानी कार की बिक्री से जुड़े लेनदेन पर दर को 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत करने की मंजूरी दे दी है. बदले गए रेट पुरानी कारों की बिक्री पर कंपनियों या डीलर्स के लेनदेन पर लागू होंगे. हालांकि, इंडिविजुल खरीदार या विक्रेता इस नए बदलाव के दायरे में नहीं आएंगे. मतलब आम व्यक्ति के लिए पुराने वाहन के खरीदने और बेचने पर 12 प्रतिशत ही टैक्स लागू होगा.
वहीं, पुरानी इलेक्ट्रिक वाहनों की रि-सेल पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगी. इसके अलावा सेकेंड हैंड वाहनों के रिपेयर करने के लिए इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स और सर्विस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है. वहीं, काउंसिल ने पॉपकॉर्न पर टैक्स के बारे में स्पष्टीकरण जारी करने पर सहमति जताई. पहले से पैक और लेबल वाले खाने के लिए तैयार स्नैक्स पर 12 प्रतिशत कर लगेगा. जीएसटी परिषद ने कहा कि अगर स्नैक्स कारमेलाइज्ड है, तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा.
पॉपकॉर्न पर टैक्स पर सफाई
मतलब खाने के लिए तैयार पॉपकॉर्न, जिसमें नमक और मसाले मिलाए जाते हैं, यदि वह पहले से पैक है और उस पर लेबल नहीं लगा है, तो उस पर इस समय पांच प्रतिशत जीएसटी लागू है. यदि इसे पैक करके और लेबल के साथ तैयार किया जाता है, तो 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है. हालांकि, जब पॉपकॉर्न को चीनी के साथ मिलाया जाता है (कारमेल पॉपकॉर्न), तो इसका मूल गुण चीनी कन्फेक्शनरी के समान हो जाता है, और स्पष्टीकरण के अनुसार, इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.