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India UAE CEPA: भारत-दुबई के बीच कारोबार को लगे पंख, जयपुर निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका

यूएई-भारत सीईपीए काउंसिल (यूआईसीसी) को इस साल जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के मौके पर लॉन्च किया गया था. यूएई-भारत सीईपीए, जो 1 मई, 2022 को लागू हुआ, दोनों देशों के व्यवसायों के लिए कई लाभ प्रदान करता है.

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India UAE CEPA: भारत-दुबई के बीच कारोबार को लगे पंख, जयपुर निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका
जयपुर का हवा महल.

Rajasthan News: भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, दोनों देशों के बीच बिलैटरल ट्रेड में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो दो साल पहले के 73 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 85 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच गया है. राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित यूएई-भारत सीईपीए काउंसिल बिजनेस राउंडटेबल में यूएई-भारत सहयोग और समन्वय कार्यालय (यूआईसीसी) के निदेशक अहमद अलजनेबी ने इस आंकड़े का खुलासा किया है.

जयपुर के लोकल बिजनेस से जुड़ेंगे

इस दौरान यूएई और भारत के अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) से उत्पन्न होने वाले महत्वपूर्ण आर्थिक अवसरों पर प्रकाश डाला और जयपुर में स्थानीय व्यवसायों के साथ जुड़ने का इरादा व्यक्त किया. अलजनेबी ने कहा, 'हमने पाया है कि यूएई और भारत के बीच व्यापार में जयपुर का महत्वपूर्ण योगदान है. आंकड़ों में देखों तो यह करीब आधा बिलियन डॉलर है. इसीलिए हम व्यवसायों का एक समूह बनाने की योजना बना रहे हैं, जिनसे हम मिल सकें और उनकी जरूरतों को समझ सकें और उन्हें यूएई में व्यवसायों के साथ भागीदार बना सकें.'

लोकट टू ग्लोबल पर रहेगा फोकस

यूएई के रास अल-खैमा को अपनी आर्थिक निवेश नीतियों और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए भारत के व्यापारिक नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में भी उजागर किया गया था. रास अल-खैमा सरकार के शासक के कार्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के निदेशक, टक्सोमिन गोइटिया ने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि हमारी आर्थिक निवेश और व्यापार नीतियां, रास अल-खैमा के रणनीतिक स्थान और हमारे पास मौजूद विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ मिलकर, यह उन भारतीय कंपनियों के लिए अत्यधिक मूल्य प्रदान करेगी जो अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार को आगे बढ़ाना चाहती हैं.'

गुजरात शिखर सम्मेलन में हुआ लॉन्च

बताते चलें कि यूएई-भारत सीईपीए काउंसिल (यूआईसीसी) को इस साल जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के मौके पर लॉन्च किया गया था. यूएई-भारत सीईपीए, जो 1 मई, 2022 को लागू हुआ, दोनों देशों के व्यवसायों के लिए कई लाभ प्रदान करता है. इनमें एक-दूसरे के बाजारों तक अधिक पहुंच, उत्पादों के एक महत्वपूर्ण हिस्से पर टैरिफ में कमी या हटाना, एक खुला और गैर-भेदभावपूर्ण व्यापारिक वातावरण और विभिन्न क्षेत्रों में सेवा प्रदाताओं के लिए बढ़ी हुई बाजार पहुंच शामिल है.

यूएई के बिजनेस को मिलती है सहायता

इसके अतिरिक्त, समझौता व्यापार में तकनीकी बाधाओं को संबोधित करता है. तकनीकी नियमों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों का उपयोग सुनिश्चित करता है, और सरकारी खरीद निविदाओं में यूएई व्यवसायों के लिए सहायता प्रदान करता है. इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात के उत्पादों को ट्रांसशिप किए जाने पर भारत की एंटी-डंपिंग जांच से छूट दी जाएगी, और एक संयुक्त समिति सीईपीए के कार्यान्वयन और सुधार की निगरानी करेगी. जैसे-जैसे दोनों देश अपनी साझेदारी को गहरा करना जारी रखते हैं, व्यवसायों को अनुकूल नियामक ढांचे और समझौते द्वारा सुगम बाजार पहुंच में वृद्धि से लाभ होगा.

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