बूंदी: लोन न चुका पाने पर फाइनेंस कंपनी ने घर पर लगाया ताला तो परेशान युवती ने की आत्महत्या, ग्रामीणों ने हाइवे किया जाम

राजस्थान के बूंदी जिले में फाइनेंस कंपनी से परेशान होकर एक युवती ने आत्महत्या कर ली. युवती के परिजनों ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने उनसे 6 लाख रुपये के 12 लाख मांगे है.

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मृतक युवती दिव्या मीणा.

Rajasthan News: राजस्थान में बूंदी जिले के केशोरायपाटन के तीरथ गांव में फाइनेंस कंपनी द्वारा मकान सील करने को लेकर एक युवती ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने तीरथ गांव में हंगामा कर दिया और कोटा-बूंदी-दौसा हाईवे पर जाम लगाकर बैठ गए. जाम की सूचना पर केशोरायपाटन थाना पुलिस मौके पर पहुंची. जिसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा प्रताड़ित करने के बाद ही युवती ने खुदकुशी की है, जिसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. 

फाइनेंस कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज 

इसके साथ ही घर पर लगाए गए ताले को वापस खुलवाकर लोन माफ करवाया जाए. जिसके बाद मौके पर पहुंचे SDM दीपक खटाना, एएसपी उमा शर्मा, DSP आशीष भारद्वाज और सीआई देवेश भारद्वाज ने ग्रामीणों से बातचीत कर फाइनेंस कंपनी के विरुद्ध मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया. साथ ही फाइनेंस कंपनी कर्मचारियों को बुलवाकर घर का ताला खुलवाया. जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए और जाम हटाया. इसके साथ ही केशोरायपाटन थाने में फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी दीपक मालव सहित अन्य कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया गया है. 

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खेत से वापस लौटे लगा मिला ताला

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा ने बताया कि शनिवार को तीरथ गांव में आवास नामक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने घर पर ताला लगा दिया था. जिसके बाद परिजनों के अनुसार, घर वाले खेत पर कार्य करने के लिए गए थे. जब वापस लौटे तो घर पर ताला लगा हुआ मिला. इसके बाद लोगों से जानकारी करने पर पता चला कि फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने घर पर ताला लगाया है. इससे अवसाद में आई युवती दिव्या मीणा ने जहरीला पदार्थ खा लिया, जिसकी कोटा में इलाज के दौरान मौत हो गई. घटना के बाद लोगों ने आक्रोश में आकर हाईवे पर जाम लगा दिया.  

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पुलिस मामले की कर रही जांच

उमा शर्मा ने आगे बताया कि मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से समझाइस की गई और कर्मचारियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. यह मामला आत्महत्या के लिए उकसाने का दर्ज किया गया है. मौके पर फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों को भी बुलवाया गया और कर्मचारियों को नोटिस देकर घर का ताला भी खुलवा दिया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा ने कहा कि ऐसे मामलों में पीड़ित लोग आत्महत्या को न्याय का जरिया नहीं बनाए. अगर इस प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती की जाती है. तो नजदीकी पुलिस थाने में संपर्क करें और मामला दर्ज करवाएं. ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा रही है. 

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ज्यादा राशि मांगने का आरोप

परिजनों की पुलिस को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार, मकान मालिक महेश मीणा ने वर्ष 2021 में साढ़े छह लाख का लोन लिया था. जिसकी 11-11 हजार की 14 किस्त देने के बाद वह डिफॉल्टर हो गया. कंपनी ने 12 लाख रुपए का लोन बताकर उसे परेशान करना शुरू कर दिया. वहीं महेश की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह लोन की पूरी राशि चुका सके. इससे पूरा परिवार ही सदमे में था. रिपोर्ट में भी बताया कि डेढ़ साल पहले मृतका की मां ने भी सुसाइड किया था.

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