Rajasthan: तीन साल से फरार कमलेश प्रजापति मुठभेड़ का मुख्य आरोपी गिरफ्तार,घेराबंदी कर पुलिस ने दबोचा   

राजस्थान की जोधपुर रेंज पुलिस ने तीन साल से फरार चल रहे टॉप-10 इनामी अपराधी हड़मत सारण को बाड़मेर जिले से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर 25 हजार का इनाम था और वह सीबीआई द्वारा कमलेश प्रजापति मुठभेड़ मामले में तलब किया गया था. 

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी हड़मत सारण.

Rajasthan News: राजस्थान की जोधपुर रेंज पुलिस ने कमलेश प्रजापति मुठभेड़ के मामले में तीन साल से फरार चल रहे. आरोपी को गुरुवार के दिन गिरफ्तार कर लिया है. वह टॉप टेन वांटेड में शामिल था. इसके साथ ही आरोपी को सीबीआई ने तलब किया था, मगर वह घटना के बाद से ही फरार चल रहा था. इसके बाद उसे ढूंढ कर अब गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि पाली जिले के टॉप-10 इनामी अपराधी की सूची में शामिल अपराधी हड़मत सारण पुत्र दुर्गाराम जाट को बाड़मेर जिले की साईक्लोनर सेल ने गिरफ्तार किया है. यह आरोपी तीन साल से फरार चला आ रहा था.

कमलेश प्रजापति मुठभेड़ में सीबीआई ने किया था तलब 

आईजी विकास कुमार के अनुसार, आरोपी हड़मत सारण को सीबीआई द्वारा कमलेश प्रजापति मुठभेड़ की जांच के दौरान भी तलब किया गया था.  वर्ष 2021 में साण्डेराव पुलिस द्वारा वांछित अपराधी कमलेश प्रजापति की गिरफ्तारी के लिए की जा रही कार्यवाही के दौरान आरोपी कमलेश ने थानाधिकारी की गाड़ी को टक्कर मारकर जानलेवा हमला कर दिया था. तब थाना धिकारी हमले के दौरान बुरी तरह घायल हो गये थे, आरोपी कमलेश की गाड़ी भी पूरी तरह टूट गई थी और यह अपराधी इस मामले का मुख्य सूत्रधार जो उसे सकुशल बचा ले गया.

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पुलिस मुठभेड़ में मारा गया कमलेश 

आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी कमलेश की दस्तयाबी के लिए पुलिस द्वारा बाड़मेर में दबिश के दौरान हुई मुठभेड़ में आरोपी कमलेश मारा गया था. जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की गई थी. कमलेश प्रजापति की मुठभेड़ में हुई मौत की जांच के दौरान सीबीआई द्वारा आरोपी हड़मत को भी तलब किया गया था. परन्तु आरोपी हड़मत फरार चलने के कारण सीबीआई जांच के लिए नहीं गया था.

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25 हजार का था इनाम घोषित 

अपराधी हड़मत की गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था. साईक्लोनर सेल को प्राप्त सूचना के अनुसार रेन्ज जोधपुर जिला बाडमेर क्षेत्र के दो बड़े इनामी अपराधी मध्यप्रदेश से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है. सूचना के विश्लेषण के बाद टीम मध्यप्रदेश को रवाना हुई. साईक्लोनर टीम पिछले तीन दिनों से बैठी इंतजार कर रही थी और टीम चाय की दुकान पर बैठी थी.

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तभी अपराधी चाय की दुकान पर आया और वहां बैठी टीम के बारे में दुकान वाले को पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया तो अपराधी वहां से भाग निकला. आरोपी वहां से भागते हुए गाड़ियां बदल-बदल कर छिपता रहा. अंत में बस में बैठे होने की पुख्ता जानकारी प्राप्त हुई.

बस उदयपुर पहुंची तब घेराबंदी कर पकड़ा 

पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि बस में बैठने की जानकारी प्राप्त होने पर साईक्लोनर टीम ने अगले कस्बे पर अपराधी और उसके साथ कितने साथी है. इसकी तस्दीक करवाने के लिए टीम के एक सदस्य को बस में बिठाया और उसकी और उसके होने वाली घटनाओं की जानकारी टीम लगातार लेती रही. बाद में जब बस अपने मंजिल उदयपुर पर पहुंच रही थी. तो टीम ने बस की घेराबंदी कर अपराधी को बस स्टॉप की भीड़भाड़ से निकलने दिया और सुरक्षित स्थान पर दबोच लिया गया.

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