रेप आरोपी के जमानत का अनोखा मामला, हाईकोर्ट ने कहा- घटना के बाद भी आरोपी के साथ शॉपिंग करते दिखी पीड़िता

राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी. जिसमें सामने आया कि पीड़िता और आरोपी की जान-पहचान थी और पीड़िता ने मेडिकल भी नहीं करवाया.

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राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर.

Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में फैसला दिया है.  जिसमें उन्होंने आरोपी अजमय तंवर को अग्रिम जमानत दे दी है. जस्टिस शुभा मेहता की एकलपीठ ने इस मामले में कई अहम बिंदुओं पर गौर करने के बाद यह फैसला सुनाया.

कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने कहा कि आरोपी और पीड़िता दोनों शादीशुदा है. उनकी आपस में जान पहचान है. पीड़िता ने आरोपी पर बंदूक की नोक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, लेकिन घटना वाले दिन के बाद भी वह आरोपी के साथ गुड़गांव के मॉल में घूम रही थी. साथ ही उसके डेबिट कार्ड से शॉपिंग भी की.

कोर्ट ने यह भी कहा कि वीडियो फुटेज में पीड़िता आरोपी के साथ खुश नजर आ रही थी. यह मामला भिवाड़ी के टपूकड़ा थाने में दर्ज हुआ था. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 29-30 जून की रात को अजय ने उससे दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी. 

पीड़िता ने नहीं करवाया मेडिकल

कोर्ट ने यह भी देखा कि इसके साथ ही घटना 29 जून की है, लेकिन की एफआईआर 22 दिन बाद 22 जुलाई को दर्ज कराई गई थी. जांच के दौरान पीड़िता ने पुलिस को घटना वाले दिन पहने कपड़े नहीं दिए.

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इसके साथ ही पीड़िता ने मेडिकल भी नहीं करवाया. वहीं, आरोपी का मेडिकल कराया जा चुका है और वह जांच में शामिल हुआ. इसलिए अब उसे हिरासत में लेने की कोई आवश्यकता नहीं है.

घटना के समय टोल पर था आरोपी

आरोपी के वकील भरत यादव ने कोर्ट को बताया कि घटना के समय अजय तंवर भिवाड़ी से 50 किलोमीटर दूर एक टोल नाके पर था, जिसकी सीसीटीवी फुटेज मौजूद है.

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इसके अलावा पीड़िता आरोपी और उसके पति के साथ एक शादी समारोह में भी शामिल हुई थी. वकील ने दावा किया कि यह मामला रंजिश के कारण झूठा दर्ज किया गया. आरोपी ने मेडिकल जांच कराई और पुलिस जांच में सहयोग किया.

जमानत का हुआ विरोध

पीड़िता और सरकारी वकील ने जमानत का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि पीड़िता ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने दुष्कर्म की बात कही. साथ ही आरोपी के खिलाफ पहले से दो आपराधिक मामले और फरारी का वारंट होने की बात कही. इसलिए अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए, फिर भी कोर्ट ने सबूतों के आधार पर जमानत दे दी.

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