Rajasthan News: राजस्थान की सरकारी नौकरियों में धोखाधड़ी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एक और सनसनीखेज मामला उजागर किया है. तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में डमी अभ्यर्थी बिठाकर नौकरी हथियाने वाले 22 वर्षीय युवक को गिरफ्तार कर लिया गया. यह घटना न केवल उम्मीदवारों के सपनों पर भारी पड़ रही है बल्कि पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रही है. परीक्षा में चली बड़ी साजिश
2022 की परीक्षा में बैठा था डमी अभ्यर्थी
साल 2022 की तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती के लिए संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 25 फरवरी 2023 को आयोजित हुई थी. इसी परीक्षा में धौलपुर जिले के मालोनी खुर्द गांव के निवासी सचिन कुमार बघेल ने कमाल कर दिखाया. गडरिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इस युवक ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को डमी के रूप में बिठा दिया. परीक्षा केंद्र नेशनल टीटी कॉलेज फॉर गर्ल्स अलवर में यह सब अंजाम दिया गया जहां प्लॉट नंबर ईडी-04 ए ब्लॉक बुध विहार स्थित है. डमी ने परीक्षा दी और सचिन पास हो गया. इसके बाद धोखे से वह चयनित घोषित हो गया.
नौकरी पकड़ते ही जांच का शिकंजा
चयन के बाद सचिन को दौसा जिले के सिकराय ब्लॉक नाहरखोहरा ग्राम पंचायत के राजकीय प्राथमिक विद्यालय भोन्दू का पुरा में तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर तैनाती मिली. वहां वह वर्तमान में सेवा दे रहा था. लेकिन एसओजी की नजरें उस पर पड़ गईं. पुलिस ने उसके दस्तावेज जब्त किए और नमूना हस्ताक्षर लिए. इन्हें राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया जहां फोरेंसिक रिपोर्ट नेगेटिव आई. रिपोर्ट से साबित हो गया कि हस्ताक्षर और दस्तावेज फर्जी थे. यह धोखाधड़ी का पर्दाफाश था जो अभियुक्त के खिलाफ ठोस सबूत बन गया.
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक विशाल बंसल ने बताया कि इस अपराध को साबित होते ही कार्रवाई तेज हो गई. अनुसंधान अधिकारी मोहेश चौधरी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसओजी ने 6 नवंबर 2025 को सचिन कुमार बघेल को गिरफ्तार कर लिया. मामला अभियोग संख्या 01/2024 पुलिस थाना एसओजी जयपुर के तहत दर्ज है. अभियुक्त के पिता रामस्वरूप बघेल के बेटे से पूछताछ जारी है. पुलिस का कहना है कि यह गिरोहबाजी का हिस्सा हो सकता है इसलिए गहन जांच चल रही है.
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