Rajasthan News: राजस्थान के टोंक जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जो हर माता-पिता के दिल को हिला देगी. जहां जिले के दूनी थाना क्षेत्र के एक निजी होस्टल में पढ़ने आई महज दस साल की मासूम लड़की को उसके संचालक ने एक महीने तक अपनी हवस का शिकार बनाया.
छोटे भाई को जान से मारने की धमकी देकर उसकी जुबान बंद रखी. लेकिन जब बच्ची की तबीयत बिगड़ गई तो सारा राज खुल गया. यह कहानी न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है बल्कि उन सबके लिए चेतावनी जो अपने बच्चों को होस्टल भेजते हैं.
रात के साये में छिपी क्रूरता
यह दर्दनाक सिलसिला जुलाई 2024 से सितंबर 2024 तक चला. पीड़िता अपनी मां के सपनों को साकार करने के लिए भाई के साथ इस होस्टल में आई थी. वहां पढ़ाई का वादा था लेकिन हकीकत में इंतजार था एक दरिंदे का. होस्टल संचालक मुकेश गुर्जर रात ढलते ही निशाचर बन जाता. वह पहले पीड़िता के छोटे भाई को दूसरे कमरे में सुला देता. फिर डरी हुई बच्ची को अकेला कर उसके साथ घिनौना कृत्य करता. स्टाफ वाले रात को घर चले जाते थे. सिर्फ मुकेश ही होस्टल में रहता. बच्ची ने सोचा किसी को बताया तो भाई की जान पर बन आएगी. इसलिए वह चुपचाप सहती रही. दो महीने बाद डर के मारे होस्टल छोड़ दिया. मां ने कहीं और एडमिशन करा दिया. लेकिन चुप्पी का बोझ भारी हो चला.
बीमारी ने तोड़ी मां-बेटी की चुप्पी
दूसरे होस्टल में भी बच्ची की हालत सुधरी नहीं. बार-बार बुखार चढ़ता. इंफेक्शन फैल गया. मां परेशान हो उठी. पूछताछ पर बेटी टूट पड़ी. आंसू बहते हुए उसने सब बयां किया. उसने बताया कि कैसे उसके साथ हॉस्टल में सारी घटना हुई. ये सब सुनकर मां का कलेजा फट गया. वह कलेजे का टुकड़ा जो भविष्य संवारने भेजा था अब टूट चुका था. मां ने तुरंत दूनी थाने का रुख किया.
पुलिस ने चारों पर कसा शिकंजा
थानाध्यक्ष रतन सिंह ने तुरंत कार्रवाई की. पीड़िता की मां की शिकायत पर POCSO एक्ट के तहत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. मुख्य आरोपी मुकेश गुर्जर के अलावा उसके पार्टनर हरिराम मीणा पत्नी मनीषा मीणा और वार्डन मनीष गुर्जर भी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया गया. अब जांच CO देवली हेमराज के हाथ में है. एसएचओ ने बताया कि आरोपी जानबूझकर अकेलेपन का फायदा उठाते थे है.
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