सरकार के दावों की पोल खोल रहा है ये स्कूल, भेड़-बकरियों के बीच बच्चे पढ़ने को मजबूर

राज्य के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे कर रही हैं. लेकिन डूंगरपुर जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आंबिया फला स्कूल के बच्चे आज भी पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर बच्चे

इधर-उधर घास चरती भेड़-बकरियां और पेड़ों की छांव में आराम फरमाते गाय, भैंस, कुत्ते और अन्य जानवर को देखकर आप सोच रहे होंगे कि यह किसी खेत खलिहान का दृश्य होगा. लेकिन इसकी हकीकत जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, यह नज़ारा जनजाति बहुल डूंगरपुर जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आंबिया फला स्कूल का है.

राज्य के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे कर रही है. लेकिन डूंगरपुर जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आंबिया फला स्कूल के बच्चे आज भी पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. इतना नही नहीं भेड़, बकरियों और गाय-भैंस बच्चों के बीच में बैठ जाती हैं. बारिश आने पर स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है. ऐसे में बच्चों की शिक्षा पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

जर्जर हालत में स्कूल भवन

ये भी पढ़ें- सवाई माधोपुर: 12वीं की छात्रा से टीचर की थी 'दोस्ती', कुएं से मिली लाश; रेप के बाद हत्या की आशंका

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आंबिया फला में स्कूल भवन जर्जर हालत में होने के चलते बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ना पड़ता है. कक्षा एक से 8वीं तक के स्कूल में केवल 3 कमरे हैं और उसमें से भी एक कमरा गिर गया है.

Advertisement

स्कूल में कुल 158 स्टूडेंट्स हैं. शिक्षक कक्षा एक से 5वीं तक के बच्चों को 2 कमरों में बैठाकर पढ़ाते हैं. वहीं, कक्षा छठी से 8वीं तक के बच्चों की क्लास पेड़ के नीचे लगती है. स्कूल में 10 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं. लेकिन प्रधानाध्यापक समेत 6 पद ही भरे हुए हैं. ऐसे में शिक्षकों की कमी से भी बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. प्रधानाध्यापक और अभिभावक नेताओं से लेकर अफसरों के दफ्तरों के कई चक्कर काट चुके हैं. लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है.

ये भी पढ़ें- ये है असली हीरा! कुत्ते की जान बचाने के लिए जॉन इब्राहिम ने छोड़ी शूटिंग, फोटो वायरल

Advertisement

बच्चों का कहना है कि खुले में बैठने से कई बार बकरियां उनकी किताबें और अन्य सामान को नुकसान पहुंचा देती हैं. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक राजेश कटारा ने कहा कि स्कूल भवन जर्जर स्थिति में है. यह मेरी जानकारी में आया है. स्कूल में कमरों का जल्द ही प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को भेजा जाएगा. जल्द ही नए कमरों का निर्माण करवाया जाएगा.


 

Topics mentioned in this article