Fake Nursing Schools: मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले कई कोर्स इनदिनों अलग-अलग शहरों में संचालित किए जा रहे हैं. इनमें एएनएम, जीएएनएम, बीएससी नर्सिंग, फॉर्मेंसी, डेंटल सहित डिप्लोमा और ड्रिगी कोर्स हैं. गरीब और सामान्य परिवार के लोग अपने घर के बच्चों को इन कोर्सों में दाखिला दिलवा कर उनका भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं. लेकिन कई शिक्षा माफिया भोले-भाले अभिभावकों के साथ-साथ बच्चों को धोखे में रखकर न केवल करोड़ों रुपए कमा रहे है बल्कि बच्चों का भविष्य भी चौपट कर रहे हैं. एएनएम, जीएनएम कोर्स संचालित करने वाले ऐसे ही कई फर्जी नर्सिंग स्कूलों का भंडाफोड़ हुआ है. जिसके बाद वहां पढ़ाई करने वाले छात्रों को अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा है.
ANM, GNM की डिग्री पर होती है नर्स की नौकरी
मालूम हो कि एएनएम, जीएनएम की डिग्री के आधार पर स्वास्थ्य विभाग में नर्सों की बहाली होती है. अभी बिहार में 10791 नर्सों की भर्ती प्रक्रिया जारी है. अन्य प्रदेशों में अलग-अलग समय पर नर्सों की भर्ती प्रक्रिया सामने आती है. लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के बाद जब छात्रों को पता चलता है कि उन्होंने जिस कॉलेज से दो साल तक पढ़ाई कर डिग्री हासिल की, उसकी मान्यता ही नहीं है, तो उनपर कुठाराघात होता है.
राजस्थान के बांसवाड़ा संभाग से सामने आया मामला
इसका एक ताजा उदाहरण राजस्थान के बांसवाड़ा संभाग से सामने आया है. जनजाति जिले बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में दर्जनों ऐसे नर्सिंग स्कूल संचालित किए जा रहे हैं, जिन्हें मान्यता नहीं मिली है. इन स्कूलों में एएनएम और जीएनएम कोर्स के नाम पर छात्रों के साथ ठगी कर उनका भविष्य खराब कर रहे हैं.
इसकी शिकायत संभागीय आयुक्त नीरज के पवन को मिलने पर उन्होंने जिला प्रशासन की टीम बनाकर कई नर्सिंग स्कूल पर छापामार कार्रवाई की और उनके दस्तावेज खंगाले तो शिकायत सही पाई गई और करीब 5 से अधिक ऐसे नर्सिंग स्कूल मिले जिनकी कहीं पर भी मान्यता नहीं है और छात्र 2 साल से अधिक समय से यहां पर लाखों रुपए की फीस देकर एएनएम और जीएनएम की पढ़ाई कर रहे हैं.
एक से दो लाख रुपए तक वसूले फीस
छात्रों को अंधेरे में रखकर नर्सिंग स्कूल संचालक उनसे अब तक करोड़ों रुपए की मोटी फीस वसूल कर चुके हैं. इसके बावजूद न केवल उनके दो साल बर्बाद हो चुके हैं वरन लाखों रुपए भी डूब चुके हैं. संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने बताया कि हर नर्सिंग स्कूल में करीब सो से अधिक छात्रों को एएनएम और जीएनएम प्रशिक्षण के लिए प्रवेश दिया और उनसे एक साल के प्रशिक्षण के लिए एक से दो लाख रुपए की फीस वसूल की है जिससे यह साबित होता है कि इन फर्जी नर्सिंग स्कूल संचालकों ने छात्रों से अब तक करोड़ों रुपए हड़प लिए हैं. वहीं उनके अभी तक कोई परीक्षा भी नहीं ली गई है. जिला प्रशासन द्वारा ऐसे फर्जी नर्सिंग स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए संबंधित थानों में मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है.
दो साल हो गए बर्बाद
जिन छात्रों ने इन फर्जी नर्सिंग स्कूल में एडमिशन लिया है उनके दो साल पूरी तरह से बरबाद हो गए हैं क्योंकि इन नर्सिंग स्कूल की कोई मान्यता नहीं है जिससे उनको रोजगार भी नहीं मिलेगा और न ही उनकी नौकरी लगने की कोई संभावना है. अधिकांश छात्र जनजाति जिले के गरीब परिवारों से हैं. अब मामला सामने आने के बाद इन स्कूलों के संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
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