Jhansi Hospital Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज का NICU वार्ड कैसे बना बच्चों की 'कब्रगाह'? एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां

Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लगी आग में 10 नवजातों की दर्दनाक मौत हो गई. यूपी सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है.

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Jhansi Hospital Fire: आग लगने के बाद झांसी मेडिकल कॉलेज का NICU वार्ड.

Jhansi Hospital Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग में 10 नवजातों की मौत हो गई. इस हादसे ने कई परिवार को कभी न भूलने का जख्म दे दिया है. हादसे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसमें पीड़ितों के दर्द को सहज ही महसूस किया जा सकता है. झांसी से पहले इसी तरह का एक हादसा दिल्ली में भी हुआ था. जहां हॉस्पिटल में आग लगने से 7 लोगों की मौत हो गई थी. पहले भी देश के अलग-अलग शहरों से ऐसी दर्दनाक घटनाएं सामने आती रही है. हादसे के बाद सरकार और प्रशासन जांच का आदेश और हादसा नहीं हो इसके लिए कई निर्देश तो देती है लेकिन फिर कहीं न कहीं ये ऐसे दिल दहलाने वाले मंजर आ ही जाते हैं. 

10 नवजातों की मौत, 16 घायल

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में लगी आग की जांच के लिए यूपी सरकार ने एक कमेटी गठित  की है. यह आग शुक्रवार रात को करीब दस बजे लगी थी. हादसे में 16 नवजात घायल भी हुए हैं. हादसे के बारे में कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन महोर का कहना है, "एनआईसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. उस समय वहां पर 49 बच्चे भर्ती थे."

आग बुझाने वाला सिलेंडर भी मिला एक्सपायर

इस घटना के बाद से अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल उठ रहे हैं. आरोप लग रहा है कि आग लगने के दौरान अस्पताल में कई तरह की खामियां नजर आईं. अस्पताल में स्थिति ऐसी थी कि यहां आग को बुझाने के पुख्ता इंतजाम नहीं थे और फायर एक्सटिंग्विशर (आग बुझाने वाला सिलेंडर) भी एक्सपायर हो चुका था. आइये जानते हैं कि चिल्‍ड्रन वार्ड में अचानक कैसे आग लगी? 

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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लगी

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर की मानें तो एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे. शुक्रवार देर रात मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है.

ऑक्सीजन का लेवल अधिक होने से भीषण हुई आग

सूत्रों की मानें तो आग लगने की जानकारी मिलते ही इसे बुझाने का तुरंत प्रयास किया गया, मगर एनआईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन का लेवल अधिक होने के कारण आग भीषण हो गई. देखते ही देखते इस आग ने पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया.

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आग लगने के दौरान सेफ्टी अलार्म भी नहीं बजा

प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि आग लगने के दौरान अस्पताल में लगा सेफ्टी अलार्म भी नहीं बजा था. हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने कई बच्चों को तो बचा लिया, लेकिन 10 नवजात की जान चली गई.

सरकार ने त्रिस्तरीय जांच के दिए आदेश

इस हादसे के बाद सरकार ने त्रिस्तरीय जांच का आदेश दिया है. इस मामले की पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा, जबकि दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा. इसके साथ ही मामले में मजिस्ट्रियल जांच भी होगी.

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झांसी अग्निकांड को लेकर सियासत भी तेज

इतना ही नहीं, झांसी अग्निकांड को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. अखिलेश यादव ने कहा है कि आग का कारण ‘ऑक्सीजन कंसंट्रेटर' में आग लगना बताया जा रहा है. ये सीधे-सीधे चिकत्सकीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर खराब क्वॉलिटी के आक्सीजन कंसंट्रेटर का. इस मामले में सभी जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो.

अखिलेश के आरोपों पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने 2012 से 2017 तक पूरी चिकित्सा व्यवस्था को बर्बाद करने का काम किया था. वो हर क्षेत्र में नाकाम मुख्यमंत्री के रूप में याद किए जाएंगे. ऐसे मामलों में राजनीतिक टिप्पणी करने के लिए उनको शर्मिंदा होना चाहिए.

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