
भारत के पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने NDTV के खास प्रोग्राम (NDTV Creator's Manch) में युद्ध और लेखन के बारे में अपनी राय रखी है. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भारत के 28वें सेना प्रमुख थे. उन्होंने दिसंबर 2019 से 2022 तक भारतीय सेना प्रमुख की ज़िम्मेदारी निभाई. सेवानिवृत्ति के बाद जनरल नरवणे लगातार लेखन कर रहे हैं. इस वर्ष मार्च में जनरल नरवणे का एक उपन्यास भी प्रकाशित हुआ था. 'द कैंटॉनमेंट कॉन्सपिरेसी' नाम का यह उपन्यास एक मिलिट्री थ्रिलर उपन्यास है. उन्होंने इससे पहले एक और किताब लिखी है 'फ़ोर स्टार्स ऑफ़ डेस्टिनी' लेकिन इसका प्रकाशन रक्षा विभाग की समीक्षा की वजह से टल गया है.
NDTV के कार्यक्रम थिएटर्स मंच में जनरल नरवणे से यह प्रश्न पूछा गया कि उनके लिए कलम थामना ज़्यादा मुश्किल है या तलवार. इसके जवाब में जनरल नरवणे ने कहा, "अंग्रेज़ी में एक कहावत है, A pen is mightier than a sword..तो कलम का ही इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए. अगर आप किसी फ़ौजी या आर्मी वाले से पूछेंगे, तो हम यही कहेंगे कि जंग छेड़ने से पहले दूसरे सभी उपायों का इस्तेमाल होना चाहिए, जैसे चर्चा या बातचीत....युद्ध आखिरी विकल्प होना चाहिए. युद्ध से पहले बातचीत होनी चाहिए. कलम और तलवार दोनों के घाव की बात करें, तो कलम का घाव ज्यादा समय तक रहता है."
#NDTVCreatorsManch | 'फौज में रहकर भी लिखना पड़ता था, परिवार में भी लिखने की परंपरा रही' - लेखन की दुनिया में आने पर बोले जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का जवाब
— NDTV India (@ndtvindia) June 27, 2025
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साहित्य, कला, संस्कृति जगत के दिग्गजों का जमावड़ा
NDTV के खास प्रोग्राम Creator's Manch में शुक्रवार 27 जून को कला और संस्कृति जगत के दिग्गजों का जमावड़ा हो रहा है. दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में इस मंच पर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर, कवि कुमार विश्वास, फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली और उपन्यास लेखक चेतन भगत जैसे कलाकार रूबरू हो रहे हैं.

महाराष्ट्र सदन में एनडीटीवी क्रिएटर्स मंच का कार्यक्रम Photo Credit: NDTV
NDTV Creators मंच भारतीय कला, साहित्य और संस्कृति की विविध आवाजों का उत्सव है. यह एक प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संगोष्ठी है, जिसमें देशभर से प्रसिद्ध लेखक, गीतकार, कवि, आलोचक, पाठक और फिल्म जगत की हस्तियां एकत्रित हो रही हैं. इस आयोजन का उद्देश्य साहित्य, अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक संवाद के माध्यम से समकालीन भारत की रचनात्मकता को मंच देना है.
यह मंच विचारों के आदान-प्रदान, अनुभवों की साझेदारी और भाषा तथा पहचान जैसे ज्वलंत मुद्दों पर विमर्श के लिए समर्पित है. यह मंच इस बात की पुष्टि करता है कि शब्दों में आज भी प्रेरित करने, सवाल उठाने और समाज को जोड़ने की शक्ति है. तकनीक, सोशल मीडिया और AI के दौर में भी साहित्य की प्रासंगिकता पर विचार-मंथन इस कार्यक्रम की विशिष्टता है. Creators मंच, भारत की सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मक भविष्य दोनों का उत्सव है.