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Jhalawar City Forest: शहर में जंगल का एहसास कराएगा झालावाड़ का नगर वन, गर्मी में भी ठंडाई का लुत्फ ले सकेंगे शहरवासी

उप वन सरक्षक सागर पंवार ने बताया कि नगर वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में  पौधारोपण करने के साथ-साथ जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक, ओपन जिम व तरह-तरह की वाटिकाए बनाई जाएंगी.

Jhalawar City Forest: शहर में जंगल का एहसास कराएगा झालावाड़ का नगर वन, गर्मी में भी ठंडाई का लुत्फ ले सकेंगे शहरवासी

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने झालावाड़ शहर में नगर वन बनाने की स्वीकृति जारी की है, जिसके बाद अब झालावाड़ के प्रसिद्ध वन क्षेत्र ठंडी झिरी मंगलनाथ की डूंगरी (Mangalnath Ki Dungaree) को वन विभाग नगर वन (City ​​Forest) के रूप में विकसित करेगा. वन विभाग का दावा है कि यह इलाका आब कुछ ही वर्षों में वन में तब्दील हो जाएगा और शहरवासियों को शहर में भी जंगल देखने को मिल सकेगा. वहीं पेड़-पौधों के चलते ये जगह गर्मी में भी ठण्डी रहेगी, जिसका आमजन लुत्फ उठा सकेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक वसुंधरा राजे सिंधिया ने इस नगर वन में पहला पौधा रोपकर यहां कार्य की विधिवत शुरुआत कर दी है.

जंगल में अब होगा मंगल

जंगल में लोगों को आकर्षित करने के लिए वहां पर आमजन के लिए भी कुछ सुविधाएं विकसित की जाएगी, जिनका मजा वहां पहुंचकर आमजन ले सकेंगे. उप वन सरक्षक सागर पंवार ने बताया कि नगर वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में  पौधारोपण करने के साथ-साथ जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक, ओपन जिम व तरह-तरह की वाटिकाए बनाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि मंगलनाथ पहाडी डूंगरी क्षेत्र में कुल 50 हेक्टेयर में नगर वन बनाया जाएगा. नगर वन में प्रवेश के लिए स्थानीय वास्तुकला एवं वन्य जीवों की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले आकर्षक द्वार का निर्माण किया जाएगा. पर्यटकों हेतु दूरबीन की व्यवस्था भी की जाएगी.

175 लाख रुपए होंगे खर्च

झालावाड़ में बनने वाले नगर वन के लिए राज्य सरकार द्वारा 175 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिसकी प्रथम किस्त 122.50 लाख प्राप्त हो चुकी है. सहायक वन संरक्षक संजू कुमार शर्मा ने बताया कि नगर वन क्षेत्र मंगलनाथ पहाड़ी में वृक्षारोपण को चराई से बचाने तथा अनाधिकृत प्रवेश रोकने के लिए 1000 मीटर लंबी वेबलिंक फेंसिंग तथा 1500 मीटर लंबी दीवार की उंचाई में 2 फीट वृद्धि की जायेगी. नगर वन में 3 कि.मी. लम्बाई में 12 फीट चौडाई के वृहद भ्रमण पथ का निर्माण एवं 5 फीट चौडाई एवं 1.5 कि.मी. के भ्रमण पथ का निर्माण किया जायेगा तथा 500 मीटर इको ट्रेल मुख्य मार्ग पर विकसित किया जायेगा. पर्यटकों के बैठने के लिए आकर्षक चित्रकारी युक्त हट्स एवं बेन्चेज का निर्माण भी करवाया जाना प्रस्तावित है. मुख्य द्वार के निकट शौचालय, डस्टबिन एवं स्वच्छ पीने के पानी के लिए टंकी की व्यवस्था की जाएगी. प्राकृतिक सौन्दर्य को निहारने हेतु वॉच टावर का निर्माण कर उसे भी वॉच टावर के रुप में विकसित किया जायेगा.

फल और फूलदार वर्षों से आच्छादित होगा नगर वन

नगर वन में मुख्य रूप से विभिन्न प्रजातियों के 5000 फलीय पौधे, सदाबहार एवं खुशबूदार पौधे तथा ग्रासलेण्ड विकसित कर झाडियों वाले पौधे, स्थानीय प्रजाति के बड़े व छायादार पौधों का रोपण किया जाएगा.

यह होगा फायदा

वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस नगर वन के विकसित हो जाने से झालावाड़-झालरापाटन क्षेत्र में वर्षा दिवसों की संख्या में वृद्धि होने से जल स्रोतों में और अधिक जल संग्रहण हो सकेगा. सूक्ष्म जलवायु का सृजन होगा एवं वातावरण में शिथिलता उत्पन्न होगी, जल एवं मृदा का बेहतर संरक्षण होगा, वन्यजीवों एवं उनके प्राकृतिक वास का संरक्षण होगा, इको पर्यटन का विकास होगा एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार में वृद्धि होगी, लोटियाझर वन क्षेत्र में अतिक्रमण एवं अवैध खनन पर नियत्रंण होगा, जनसाधारण में पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न होगी. इसके अतिरिक्त जिले में आने वाले पर्यटकों के लिए विश्व धरोहर में शामिल गागरोन किला एवं कालीसिन्ध डेम के मध्य एक नवीन पर्यटन स्थल विकसित हो सकेगा.

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