Nagaur Ramdev Animal Fair: राजस्थान के नागौर जिले में प्रसिद्ध रामदेव पशु मेला 30 जनवरी 2025 से शुरू हो गया है और यह 12 फरवरी 2025 तक चलेगा. जिसमें पूरे देश से अलग-अलग नस्ल और कीमत के पशु शामिल होने के लिए आए हैं. बताया जा रहा है कि मेले में लग्जरी गाड़ियों से भी महंगे पशु आए हैं.
जिनकी यहां खरीद-फरोत और खास देखभाल होती है. यह रामदेव पशु मेला विशेष तौर पर नागौरी नस्ल के बैलों के लिए प्रसिद्ध है जो की कद-काठी में मजबूत और सुंदर होते हैं और उनके कार्य करने की क्षमता भी ज्यादा होती है. खेतों में काम करवाने के लिए और दौड़ के लिए नागौरी नस्ल के बेल बहुत फेमस माने जाते हैं.
मेले में हुई मूंछ प्रतियोगिता
पशु मेले में गुरुवार को मूंछ प्रतियोगिता हुई. जिसमें प्रदेश के कई जिलों से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए पहुंचा. जिसमें कोई नागौर जिले के ताऊसर गांव से तो कोई बाड़मेर से तो कोई बीकानेर से तो कोई नागौर की जायल तहसील से पहुंचा. इसके साथ ही मूंछ प्रतियोगिता में भाग लेने वाले व्यक्ति भी अपनी राजस्थान की संस्कृति को दिखाते हुए देशी परिवेश में रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर पहुंचे.
मेले में मूंछ प्रतियोगिता.
जिसको देखकर विदेशी सैलानी भी दंग रह गए. जिसके बाद अपने आप को रोक नहीं पाए और उन्होंने मूंछ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले प्रतियोगियो के वीडियो और फोटो लिए. वहीं प्रशासन ने उनको प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया.
ऊंट और छोड़ो ने दिखाए करतब
इसके साथ ही मेले में बहुत से ऊंट भी शामिल हुए है. जो बहुत सुंदर डांस कर रहे हैं. जिसमें वह मालिक के इशारे पर ढोल की थाप पर ठुमक-ठुमक कर नाच भी रहे हैं. इन ऊंटों को विशेष प्रशिक्षण प्राप्त हैं, जिसके कारण वह जमीन पर नाचने से लेकर खाट पर चढ़कर दो पैरों पर खड़े होकर भी नाच रहे हैं.
मेले में मूंछ प्रतियोगिता.
इस कला को करने के लिए इनके मालिक उनको 2 से 3 माह की ट्रेनिंग देते हैं. तब जाकर यह अपने करतब दिखाने में सक्षम होते हैं. जिसके साथ ही घोड़ा नृत्य प्रतियोगिता में भी पालतू पशुओं ने करतब दिखाकर लोगों को रोमांचित कर दिया. हैरतअंगेज करतब दिखाने के लिए इन ऊंट और घोड़ों को इनके मालिक सजाकर अच्छी ट्रेनिंग देकर तैयार करते हैं.
मेले में मूंछ प्रतियोगिता.
मेले में पहुंचे 4 हजार के अधिक पशु
रामदेव पशु मेला प्रभारी डॉक्टर महेश कुमार मीणा ने बताया कि पशुओं की आवक जारी है. यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा. मेले में इस साल 2025 में पशुओं की आवक का आंकड़ा 4000 के करीब पहुंच गया है. सर्वाधिक संख्या ऊंट की है. ऊंटो की संख्या मेले में 2078 पहुंच गई है, जबकि गांव वंश की संख्या 1596 तक है. साथ ही भैंस वंश की संख्या 365 हैं और घोड़ों की संख्या 35 ही है.
मेले में पहुंचे पशु.
अभी तक कुल पशुओं का आंकड़ा 4100 करीब रहा है. मेले में कई तरह की प्रतियोगिताएं और रंगा-रंग कार्यक्रम प्रशासन द्वारा और पर्यटन विभाग द्वारा करवाये जा रहा है. जिसके अंदर विदेशी पर्यटको के साथ यहां की आम जनता भी इस रामदेव पशु मेले का लुफ्त उठा रही है. किसी तरह की कोई समस्या यहां पर अभी तक उत्पन्न नहीं हुई है. प्रशासन का इस मेले में पूर्ण तरीके से सहयोग रहा है.
मेले में पहुंचे सजे हुए ऊंट.
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