Hariyali Teej 2024: राजस्थान में हरियाली तीज की धूम, फोटो खींचने पर भजनलाल सरकार देगी इनाम

Teej 2024: यह पर्व देश के ज्यादातर राज्यों में खास तरह से मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं, और हरे रंग के कपड़ों के साथ सोलह श्रृंगार करती हैं. इस दिन झूले झूलने का भी विशेष महत्व है.

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देशभर में हरियाली तीज का व्रत आज रखा जाएगा.

Teej Festival: राजस्थान समेत देशभर में आज हरियाली तीज का त्योहार मनाया जा रहा है. ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती मिले थे. हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीज का पर्व मनाया जाता है. ऐसे में कई महिलाएं उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना करती हैं. माना जाता है कि इस दिन अगर आप उपवास न रख पाएं जो सात्विक आहार ही लेना चहिए. यह दिन शादीशुदा महिलाएं बेहद खास तरीके से मनाती हैं. इस दिन वह सुंदर कपड़ों के साथ हरी चूडि़यां पहनती हैं. मेहंदी लगाना भी शुभ माना जाता है. इस दिन ज्‍यादातर शहरों में तीज के मेले लगाए जाते हैं.

तीज पर बन रहे 3 शुभ योग

इस बार तीज पर परिघ योग, शिव योग और रवि योग एक लेकर आ रहा है. इस बार हरियाली तीज हिंदू पंचांग के अनुसार 6 अगस्त, 2024 को रात्रि 7 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 7 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे तक मनाई जाएगी. अगर पंचांग के हिसाब से चलें तो हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा. हरियाली तीज का अपने आप में एक विशेष महत्व है. सभी लोग इसे अलग-अलग तरीके से मनाते हैं. ऐसे में कई लोग इस दिन उपवास रखकर शिव-पार्वती का पूजन करते हैं, तो कहीं महिलाएं इस दिन कई तरह का आयोजन करती हैं. ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन जो महिलाएं उपवास रखती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

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झूला झूलने का विशेष महत्व

यह पर्व देश के ज्यादातर राज्यों में खास तरह से मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं, और हरे रंग के कपड़ों के साथ सोलह श्रृंगार करती हैं. इस दिन झूले झूलने का भी विशेष महत्व है. गांवों में यह पर्व पूरे जोश के साथ मनाया जाता है. विशेष रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश की बात करें, तो यहां मायके वाले अपनी बेटी के घर में सावन का सिंधारा भेजते हैं. वहीं सास अपनी बहुओं को इस दिन विशेष तरह का उपहार देती हैं.

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पति की लंबी उम्र के लिए व्रत

हरियाली तीज के पीछे की कहानी के बारे में कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव से मिली थीं, इसलिए इस दिन महिलाएं उपवास रखकर अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं. कई जगहों पर कुंवारी कन्या भी इस दिन उपवास रखती हैं, ताकि वह योग्य वर की पा सकें. हरियाली तीज वैसे तो पूरे भारत में ही मनाई जाती है मगर हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुरु और ब्रज अंचल में यह विशेष रूप से मनाई जाती है. इस दिन घरों में खास तरह के पकवान बनाए जाते हैं, इसमें खीर और मालपुआ जैसी मिठाइयां शामिल हैं. एक खास तरह की मिठाई ‘घेवर' विशेष रूप से तीज के पर्व पर ही बनाई जाती है.

हरियालो राजस्थान अभियान

राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने लोगों से आह्वान किया है कि 7 अगस्त को हरियाली तीज के अवसर पर  प्रदेशवासी वृक्षारोपण कर मरू प्रदेश को हरित प्रदेश बनाने में अपना योगदान करें. दिलावर ने बताया कि हरियाली तीज को प्रदेश में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान के अंतर्गत अमृत पर्यावरण महोत्सव -एक पेड़ देश के नाम, हरियालो राजस्थान (एक पेड़ माँ के नाम) अभियान आयोजित किया गया है. जिसमें शिक्षा विभाग के कर्मचारी- अधिकारी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मिलकर वृक्षारोपण करेंगे. पौधे लगाने के बाद सभी को पौधों की फोटो जियोटैगिंग के साथ ऐप पर अपलोड करनी है. सभी पौधों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि वृक्ष प्रेमियों को ऐप के माध्यम से प्रशस्ति पत्र भी दिए जाएंगे.

7 करोड़ पौधे लगने की संभावना

हरियालो राजस्थान अभियान के अंतर्गत आज पूरे राजस्थान में 7 करोड़ पौधे लगाने की संभावना है. इनमें 82 लाख सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी, 84 लाख निजी स्कूलों के विद्यार्थी और लगभग 4 लाख शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग के कर्मचारी शामिल हैं जो 5-5 पौधे लगाएंगे. इस हिसाब से 8.85 करोड़ संख्या आती है. 3 लाख से अधिक पौधे लगाने का संकल्प 17 ब्रांड एंबेसडर ने लिया है. इसके अलावा प्रदेश की अनेक सामाजिक संस्थाएं,साधु-संत, गोशाला, व्यापारिक संगठन, एनजीओ, मंदिर समिति, पेट्रोल पंप डीलर, गैस एजेंसी, सरकारी योजनाओं के लाभार्थी, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, उद्योग, खान मालिक सहित विभिन्न संस्थाओं ने बड़े स्तर पर कल पौधारोपण करेंगे. अनुमानित आंकड़ों के अनुसार राजस्थान प्रदेश कल पौधारोपण का विश्व कीर्तिमान स्थापित करेगा, जो आज तक कभी नहीं हुआ होगा.

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