सरकारी स्कूल के छात्र ने कबाड़ से बनाई ई-साइकिल, एक बार में चार्ज होकर 40 से 50 किमी चलती है

संदीप बताते हैं कि, एक बार सूरज की रोशनी से बैटरी फुल चार्ज होने के बाद 40 से 50 किलोमीटर साइकिल बिना पैडल मारे चला सकते हैं. इसको बनाने में उसे 4 महीने समय लगा है. इस साइकिल से स्कूल से घर आने जाने मैं संदीप को मदद मिलती है. 

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बनाई गई साइकिल के साथ छात्र संदीप

Ajmer News: राजस्थान के अजमेर में एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र ने कबाड़ से सोलर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल बना कर कमाल कर दिया. 11वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र संदीप ने जुगाड़ और ई-वेस्ट की मदद से सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल बनाई है. जिसकी चारों तरफ तारीफ़ हो रही है. संदीप ने जुगाड़ और ई वेस्ट की मदद से सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल बना डाली, यह साइकिल एक बार सूरज की किरणों से चार्ज होकर करीब 40 किलोमीटर प्रतिदिन चलती है.

पिछले 6 महीने में संदीप अपनी पढ़ाई के साथ-साथ साइकिल बनाने में भी समय दिया करता था. संदीप ने बताया कि सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल बनाने के लिए एक पुरानी साइकिल, पुरानी बैटरी ,सेंसर और सोलर बेनर, लगाया है.  बैटरी से मोटर चलती है सेंसर से सूर्य से आने वाली रोशनी को बढ़ाने का काम करती है, जिससे सेंसर से आने वाले 5 वोल्ट बढ़कर 10 वोल्ट का हो जाएगा इस प्रक्रिया से बैटरी फुल चार्ज हो जाएगी.

एक बार चार्ज करने के बाद 40- 50 KM चलती है साइकिल

संदीप बताते हैं कि, एक बार सूर्य की रोशनी से बैटरी फुल चार्ज होने के बाद 40 से 50 किलोमीटर साइकिल बिना पैडल मारे चला सकते हैं. इस साइकिल से स्कूल से घर आने जाने मैं संदीप को मदद मिलती है. चोपड़ा स्कूल के प्राचार्य शंभू सिंह लांबा ने बताया कि, संदीप होनहार छात्र है. प्राचार्य ने कहा कि संदीप को विज्ञान विषय दिलाने के लिए कहा गया, मगर संदीप ने आर्ट विषय लिया. पहले संदीप स्कूल में छोटे-छोटे मॉडल बनाया करता था. इस बार कबाड़ समझकर जिस साइकिल को फेंक दि थी उस साइकल मे संदीप ने जान फूंक दी है.

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