Mahendrajeet Singh Malviya Likely To Join BJP: कांग्रेस नेताओं का एक-एक करके पार्टी छोड़ कर जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है. 4 दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अशोक चव्हाण ने पार्टी का दामन छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. बीजेपी ने चव्हाण को राज्यसभा के लिए भी नॉमिनेट किया है. अब राजस्थान में कांग्रेस के बड़े आदिवासी चेहरा और कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य महेंद्रजीत सिंह मालवीय (Mahendrajeet Singh Malviya) के पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
अगर ऐसा हुआ तो यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा. मालवीय दक्षिणी राजस्थान में कांग्रेस का आदिवासी चेहरा रहे हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में वो बागीदौरा से विधायक बने हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मालवीय का पार्टी छोड़ने से वागड़ (डूंगरपुर, बांसवाड़ा) में कांग्रेस पार्टी का काफी नुकसान हो सकता है. भाजपा उन्हें डूंगरपुर-बांसवाड़ा से लोकसभा का उम्मीदवार बना सकती है. जहां से अभी कनकमल कटारा सांसद हैं.
Rajasthan Congress MLA Mahendrajeet Singh Malviya likely to join BJP: Sources
— ANI Digital (@ani_digital) February 16, 2024
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कांग्रेस आदिवासी चेहरा
महेंद्रजीत सिंह मालवीय को कांग्रेस का आदिवासी चेहरा माना जाता है. मालवीय के पास लम्बा राजनीतिक तजुर्बा है. वो सरपंच से लेकर, प्रधान, विधायक और सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं. दक्षिणी राजस्थान, ख़ास तौर पर बांसवाड़ा-डूंगरपुर में उनका मज़बूत जनाधार है.
करीब 35 साल से अधिक समय से मालवीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं. कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI उनका सफर शुरू हुआ, उसके बाद युवा कांग्रेस के सदस्य भी रहे. मालवीय अशोक गहलोत की दो सरकारों में मंत्री भी रहे हैं. कुछ दिन पहले मालवीय को कांग्रेस की टॉप बॉडी कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य भी बनाया था.
महेंद्रजीत सिंह मालवीय का सियासी सफर
मालवीय का राजनीतिक करियर बहुत ही रोचक रहा है. वो एक बार सांसद भी रहे चुके हैं. राजस्थान कांग्रेस में पूर्व उपाध्यक्ष मालवीय प्रधान, जिला प्रमुख, सांसद, विधायक और दो बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा आदिवासी कांग्रेस सेल के कार्यवाहक अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
संगठन में भी मालवीय का लंबा अनुभव रहा है. बागीदौरा विधानसभा से लगातार तीन बार से विधायक मालवीय का कद मानगढ़ धाम में हुई राहुल गांधी की सभा के बाद बढ़ा है. मालवीय ने सरपंच से अपने सियासी करियर का आगाज किया था. इसके बाद वो एक-एक पायदान चढ़ते हुए विधायक, सांसद, मंत्री और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के मेंबर तक बने. अब इनके भाजपा में शामिल होने की बात कही जा रही है.
नेता प्रतिपक्ष के लिए की थी आदिवासी चेहरे की मांग
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस 70 सीटों पर सिमट गई थी. उसके बाद महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने नेता प्रतिपक्ष की आदिवासी नेता को बनाने की मांग की थी. मालवीय ने कहा था कि, आदिवासी कांग्रेस का वोटर है उन्हें उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. साथ ही उनका कहना था कि, आदिवासी को अगर नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो उसका प्रभाव पूरे सूबे में पड़ेगा. लेकिन कांग्रेस ने टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया। हालांकि जूली भी अनुसूचित जाति से आते हैं.
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