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Rajasthan Politics: सच हो रही मालवीया की बात? '100 साल पुरानी कांग्रेस ने छोटी पार्टी के सामने किया सरेंडर'

बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र के गांगड़तलाई और बागीदौरा मंडल के अधिकांश कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, इसके चलते कांग्रेस पार्टी को यहां प्रत्याशी के तौर पर नेता को खोजने की दोहरी परीक्षा खड़ी हो गई है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस यहां भी बीएपी के लिए अपना प्रत्याशी घोषित नहीं करेगी.

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Rajasthan Politics: सच हो रही मालवीया की बात? '100 साल पुरानी कांग्रेस ने छोटी पार्टी के सामने किया सरेंडर'
महेंद्रजीत सिंह मालवीया.

Rajasthan News: कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए महेंद्रजीत सिंह मालवीया (Mahendrajeet Singh Malviya) अब कांग्रेस पार्टी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. कांग्रेस पार्टी द्वारा बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा (Banswara Dungarpur Lok Sabha) चुनाव के लिए अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं करने को लेकर मालवीया ने कांग्रेस पर निशाना साधा है, और कहा है कि उनके दावे के अनुरूप ही वागड़ क्षेत्र अब 'कांग्रेस मुक्त' हो गया है.

नामांकन दाखिल होने के चंद दिन

वागड़ मेवाड़ की चार लोकसभा सीटों में से मेवाड़ की तीन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला तय हो गया है, जबकि वागड़ में अब भी इंतजार है. भाजपा व बीएपी के प्रत्याशी तय होने के बावजूद अब तक कांग्रेस का चेहरा तय नहीं हो पाया है, जबकि नामांकन का समय नजदीक है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, बांसवाड़ा सीट के लिए कांग्रेस से चार जनों ने जिला कांग्रेस कमेटी के समक्ष प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर रखी है. यह सूची कांग्रेस हाई कमान को भेजी जा चुकी है. इसी बीच गठबंधन की लंबे समय से चली आ रही चर्चाओं को लेकर स्थानीय स्तर से फीडबैक उच्च स्तर पर दे दिया गया है. अब पार्टी के स्तर पर निर्णय किया जाएगा. इसके बाद ही प्रत्याशी को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी.

'छोटी पार्टी के आगे किया सरेंडर'

वहीं कांग्रेस द्वारा अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं करने को लेकर पूर्व सी डब्ल्यू सी सदस्य और भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कटाक्ष किया है कि कांग्रेस पार्टी के नेता कहते हैं कि वह 100 साल से अधिक पुरानी पार्टी है. इसके बावजूद वह अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही है, जिससे यह साबित होता है कि अब वागड़ क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के पास चुनाव लड़ने योग्य नेता नहीं रहे हैं और वह एक छोटी पार्टी के सामने सरेंडर हो चुकी है.

कांग्रेस के सामने दोहरी परीक्षा खड़ी

एक तरफ कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनावों को लेकर अपना रुख मतदाताओं के सामने स्पष्ट करना है तो दूसरी तरफ बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र होने वाले उप चुनाव को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट करना होगा. लोकसभा चुनावों के लिए तो यह माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी भारतीय आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है, लेकिन विधानसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी घोषित नहीं करेगी? बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र के गांगड़तलाई और बागीदौरा मंडल के अधिकांश कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, इसके चलते कांग्रेस पार्टी को यहां प्रत्याशी के तौर पर नेता को खोजने की दोहरी परीक्षा खड़ी हो गई है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस यहां भी बीएपी के लिए अपना प्रत्याशी घोषित नहीं करेगी.

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