
Alwar News: अलवर शहर में इलाज के अभाव के चलते प्रोफेसर की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने डॉक्टरों पर हैरान कर देने वाला आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने आधार नहीं होने के चलते इलाज से इनकार कर दिया. राजकीय गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर उमेश यादव की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा किया. नौरंगाबाद में सड़क हादसे में प्रोफेसर घायल हो गए. इलाज के लिए उन्हें अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय ले जाया गया. लेकिन आधार कार्ड नहीं होने के कारण डॉक्टर ने इलाज नहीं किया और घायल अवस्था में उमेश स्ट्रेचर पर ही तड़पता रहा.
परिजनों के हंगामे के बाद माने डॉक्टर, लेकिन हो गई देर
उमेश की हालत खराब होने लगी तो परिजनों ने हंगामा किया. इसके बाद डॉक्टरों ने उसको अटेंड किया, लेकिन इस दौरान उमेश ने दम तोड़ दिया. ऐसे में परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजनों ने कहा कि समय पर इलाज मिल जाता तो जान बच जाती, लेकिन उमेश की मौत हो गई.
पटवारी की परीक्षा में लगी थी ड्यूटी
रविवार को पटवारी की परीक्षा में ड्यूटी के बाद प्रोफेसर कार से घर लौट रहे थे. इस दौरान रास्ते में नौरंगाबाद गांव के पास अज्ञात वाहन ने उनकी कार को टक्कर मार दी, जिससे कार पलट गई और प्रोफेसर गंभीर रूप से घायल हो गए. मामले की सूचना स्थानीय लोगों ने परिजनों को दी.
परिजन मौके पर पहुंचे और घायल अवस्था में उमेश को इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां अस्पताल स्टाफ ने परिजनों से उमेश का आधार कार्ड मांगा. लेकिन परिजनों के पास आधार कार्ड नहीं था. इसी के चलते स्टाफ ने उमेश की पर्ची नहीं बनाई और उसका इलाज शुरू नहीं हुआ.
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