‘सत्तू' एक पारंपरिक भारतीय आहार है, जिसे गर्मियों के दौरान पोषण और ताजगी का खजाना माना जाता है. ‘सत्तू' स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. यह शरीर को ठंडक, ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करता है, जो हर वर्ग के लोगों के लिए लाभकारी है.
सत्तू में फाइबर अधिक होता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित (नवंबर, 2021) रिपोर्ट के मुताबिक, गर्मियों में सत्तू का ठंडा करने वाला गुण इसे एक शानदार पेय बनाता है, इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम, जो पाचन को बेहतर करता है. फाइबर मल त्याग को सामान्य करता है, कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है. यह प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे खनिजों से भरपूर होता है, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं.
‘सत्तू' शरीर को ठंडा रखता है
‘सत्तू' भारतीय उपमहाद्वीप में काफी लोकप्रिय है. इसका सेवन भारत के कई हिस्सों जैसे झारखंड, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड और यूपी में किया जाता है. यह गेहूं, चना, जौ और अन्य अनाज से बनाया जाता है और इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं. ‘सत्तू' शरीर को ठंडा रखने का काम करता ही है. साथ ही इसका सेवन करने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है और यह शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है. इसके अलावा, ‘सत्तू' के सेवन को वजन घटाने में भी कारगर माना जाता है.
कब्ज से निजात दिलाता है सत्तू
‘सत्तू' का सेवन शरबत, लड्डू, पराठा और चपाती के रूप में किया जा सकता है. इसका शरबत गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए एक बेहतरीन पेय माना जाता है, जो शरीर को गर्मी से बचाता है और तापमान भी ठंडा करने का काम करता है. इसके अलावा, सत्तू में अघुलनशील फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. यह कब्ज, एसिडिटी और भारी या चिकने भोजन से होने वाली समस्याओं से राहत दिलाता है.
साथ ही सत्तू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत अच्छा है. यह खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है और ब्लड प्रेशर को भी संतुलित करता है. इसमें मौजूद उच्च फाइबर कोलेस्ट्रॉल की समस्या वाले लोगों के लिए फायदेमंद है.
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