क्रिसमस और न्यू ईयर के लिए जैसलमेर पहुंचने वाले सैलानिया के लिए बाजार सज चुके हैं. बाजार में हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल व कैमलवुल शाल और चमड़ से बने सामान की खूब डिमांड रहती है
जैसलमेर में चमड़ों से बने जूते और जूतियों की डिमांड खूब रहती है. यहां पहुंचने वाले सैलानियों के डिमांड को पूरान करने के लिए दुकानें पूरी तरह सज चुकी हैं.
राजस्थान में जैसलमेर जिले में हर वर्ष क्रिसमस और न्यू ईयर से पहले सैलानी भारी तादाद में पहुंचते हैं और उन्हें लुभाने के लिए समूहों में आर्टिस्ट राजस्थान की पारंपरिक कालबेलिया नृत्य परफॉर्म करते हैं.
जैसलमेर आने वाले सैलानी यहां के घोटवा लड्डू के दीवाने हैं. यही वजह है सात समंदर पार से आने वाले सैलानियों के लिए विशेष रूप से घोटुवा लड्डू तैयार किए जा रहे हैं.
जैसलमेर में आने वाले सैलानी सोने से सुनहरा सोनार किला, नक्काशीदार पीले पत्थरो से बनीं हवेलियों, रेगिस्तान की सैर के बाद गडीसर झील में वोट राइंडिंग का आनंद लेना नहीं भूलते हैं.