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Laxmi Mittal Birthday: राजस्थान के छोटे से गांव से निकले बिजनेसमैन ने जानें कैसे लिखी 'स्टील किंग' बनने की कहानी

Laxmi Mittal Birthday: लक्ष्मी मित्तल का जन्म 15 जून 1950 को राजस्थान के एक छोटे से जिले चूरू के सादुलपुर गांव में हुआ था. वे दुनिया की सबसे बड़ी स्टील निर्माण कंपनी 'आर्सेलर मित्तल' के मालिक हैं.

Laxmi Mittal Birthday: राजस्थान के छोटे से गांव से निकले बिजनेसमैन ने जानें कैसे लिखी 'स्टील किंग' बनने की कहानी

Laxmi Mittal Success Story: 'हमेशा बॉक्स के बाहर का सोचो और अवसर दिखते ही लपक लें, चाहे वो कहीं भी मिले...' ये शब्द स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल के हैं, जो राजस्थान के एक छोटे से जिले चूरू के सादुलपुर गांव 15 जून 1950 में जन्मे हैं. वे अब लंदन में रहते हैं. लक्ष्मी मित्तल दुनिया की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक कंपनी आर्सेलर मित्तल के सीईओ और चेयरमैन हैं. वे आज पूरी दुनिया में 'स्टील किंग' के नाम से जाने जाते हैं. 2011 में फोर्ब्स ने मित्तल को दुनिया का छठा सबसे अमीर उद्योगपति घोषित किया था. वर्तमान में लक्ष्मी मित्तल 74 वर्ष के हैं. बढ़ती उम्र के साथ उनकी दौलत और सफलता की कहानी हर जगह सुनाई देती है.

करियर की शुरुआत

मित्तल का जन्म राजस्थान के एक मारवाड़ी हिंदू परिवार में हुआ है. उन्होंने 1957 से 1964 तक श्री दौलतराम नोपनी विद्यालय, कलकत्ता में अपनी पढ़ाई पूरी की था. इसके बाद मित्तल ने कलकत्ता विश्वविद्यालय  के सेंट जेवियर्स कॉलेज से प्रथम श्रेणी में बी.कॉम की डिग्री हासिल की. उनके पिता मोहनलाल मित्तल निप्पॉन डेनरो इस्पात नामक स्टील का कारोबार करते थे. इसी कारण उनका स्टील के प्रति जुड़ाव बना रहा. ग्रेजुएशन के दौरान ही वह अपने पिता के साथ उनकी कंपनी में काम सीखते थे. 

लक्ष्मी मित्तल का परिवार
लक्ष्मी मित्तल की शादी उषा डालमिया से हुई है और उनके दो बच्चे आदित्य और वनिशा मित्तल हैं. वह अपने पूरे परिवार के साथ लंदन के 18-19 केंसिंग्टन पैलेस गार्डन में रहते हैं.  उन्होंने अपना घर 2004 में फॉर्मूला वन के बॉस बर्नी एक्लेस्टोन से £67 मिलियन (US$128 मिलियन) में खरीदा था- उस समय इसे दुनिया का सबसे महंगा घर कहा जाता था.  इस घर की खासियत यह थी कि इसे सजाने के लिए इस्तेमाल किया गया संगमरमर ताजमहल से सप्लाई किया गया था. जिसके बाद से इस घर को "ताज मित्तल" कहा जाता है. इसमें 12 बेडरूम, एक इनडोर पूल, तुर्की बाथरूम और 20 कारों की पार्किंग है.

पिता की कंपनी से आर्सेलर खरीदने तक की कहानी

1976 में, भारत सरकार के जरिए इस्पात उत्पादन पर रोक लगाने के कारण, 26 वर्षीय मित्तल ने इंडोनेशिया के पूर्वी जावा के सिदोअर्जो में अपनी पहली स्टील फैक्ट्री पीटी इस्पात इंडो खोली. इसके साथ ही उन्होंने स्टील के कारोबार में अपना पहला कदम रख. जिसके बाद उन्होंने लगातार अपनी सफलता की कहानियों को लिखना शुरू कर दिया. 1976 के बाद उन्होंने 1989 में  त्रिनिदाद और टोबैगो भी एक फैक्ट्री घाटे में भी खरीदी थी, लेकिन कुछ ही समय में उसे मुनाफे में तब्दील कर दिया. इसके बाद वह सफलता की नई कहानियां गढ़ने लगे. इसी कड़ी में साल 2006 में आर्सेलर को खरीदने की कोशिश की थी. लेकिन उस समय मित्तल की तरफ से दिए गए  24 बिलियन डॉलर के ऑफर को सीईओ गाय डोले को ठुकरा दिया था. कुछ साल के बाद यह सौदा 33.5 बिलियन डॉलर में तय हुआ. और मित्तल का ड्रीम पूरा हुआ था. आर्सेलर मित्तल आज की तारीख में दुनिया की सबसे बड़ी स्टील बनाने वाली कंपनी है, जिसके 60 देशों में कुल 2 लाख 60 हजार कर्मचारी हैं. 

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