Jai Meenesh Tribal University News: राजस्थान के कोटा जिले में दुनिया का पहला निजी आदिवासी विश्वविद्यालय बना है. यह विश्वविधालय प्रदेश के दो पूर्व सरकारी अधिकारियों ने मिलकर बनाया है. जिसे 2023 में खोला गया. यह विश्वविधालय जिले के रानपुर औद्योगिक क्षेत्र बना हुआ है. जिसका नाम मीणा समाज के भगवान मीनेश जी के नाम पर ‘जय मीनेश आदिवासी विश्वविद्यालय' रखा गया है. यह विश्वविधालय 30 एकड़ परिसर में बना हुआ है. जिसमें 600 छात्र वर्तमान में अध्ययन कर रहे हैं.
पूर्व IPS और RAS ने मिलकर बनाया
जय मीनेश आदिवासी विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक R.D मीणा ने कहा कि जो कभी अकल्पनीय था, वह वास्तविकता बन गया है. अब इसे आदिवासी अध्ययन का वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं और इसे समुदायों की बेहतरी के लिए अनुसंधान करना चाहते हैं और नीति बनाना चाहते हैं. मीणा ने आगे बताया कि यह विश्वविधालय मैंने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी लक्ष्मण मीणा के साथ मिलकर विश्वविद्यालय खोलने का विचार बनाया था. जो बहुत प्रयासों के बाद मई 2023 में कोटा में खोला गया.
मीणा सामाज के भगवान पर रखा मीनेश नाम
अखिल भारतीय मीणा सामाजिक और शैक्षणिक समिति के अध्यक्ष R.D मीणा ने कि आदिवासी विश्वविद्यालय का नाम समुदाय के स्वामी जय मीनेश के नाम पर रखा गया है. इसका उद्देश्य आदिवासी अध्ययन के लिए एक वैश्विक केंद्र बनना है, जो देश और विदेश में समाज के सभी वर्गों के छात्रों को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगा.
मीणा ने आगे बताया कि इस विश्वविधालय को बनाने के राज्य सरकार ने बहुत सहयोग दिया उन्होंने न केवल संस्थान के लिए रियायती दर पर भूमि आवंटित की, बल्कि एक महत्वपूर्ण निर्णय में राज्य विधानसभा के 200 विधायकों में से प्रत्येक को अपने-अपने विधायक कोष से विश्वविद्यालय को 10 लाख रुपये दान करने के लिए अधिकृत किया.
जनजातीय वर्ग के बच्चों को देंगे 50 प्रतिशत आरक्षण
R.D मीणा ने आगे कहा कि विश्वविधालय के लिए लोकसभा अध्यक्ष और कोटा-बूंदी से सांसद ओम बिरला ने भी 25 लाख रुपये का योगदान दिया. इसके साथ ही समुदाय के 2,500 सदस्यों ने भी योगदान दिया. यह विश्वविद्यालय जनजातीय समुदाय के बच्चों को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है.
इसके पहले शैक्षणिक सत्र में 600 छात्रों ने दाखिला लिया. वहीं नई शिक्षा नीति 2020 और राजस्थान सरकार की प्रवेश नीति सत्र में दो बार के अनुरूप जय मीनेश आदिवासी विश्वविद्यालय रानपुर, कोटा में भी 15 जनवरी 2025 तक विविध पाठ्यक्रमों अन्तर्गत प्रवेश सुनिश्चित किए जा सकेंगे.
यह भी पढ़ें- उदयपुरः राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े बोले- मूक पशुओं की सेवा सबसे बड़ी सेवा है