UNO में गूंजी राजस्थान की हॉकी वाली सरपंच नीरू यादव की आवाज, भारत से मात्र 3 महिलाओं का हुआ था चयन

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सभागार में देश के पंचायती राज संस्थानों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने अनुभव व विचार को साझा किए. कार्यक्रम में हॉकी वाली सरपंच नीरू यादव ने भी हिस्सा लिया.

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हॉकी वाली सरपंच नीरू यादव

Rajasthan Hockey Sarpanch Neeru Yadav: संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सभागार में देश के पंचायती राज संस्थानों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने अनुभव व विचार को साझा किए. राजस्थान की हॉकी वाली सरपंच नीरू यादव (Hockey Sarpanch Neeru Yadav) ने भी अपनी बात रखी. नीरू के अलावा त्रिपुरा से सुप्रिया दास दत्ता और आंध्र प्रदेश से कुनुकु हेमा कुमारी ने स्थानीय शासन और कई विषयगत क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण को आगे बढ़ाने में अपने अनुभव और नवाचार साझा किए.

तीनों ने दिया परिवर्तनकारी उदाहरण

इनमें बाल विवाह से निपटने से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका के अवसर और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने से जुड़े विषय शामिल थे. तीनों ने जमीनी स्तर के नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का उदाहरण दिया. खास बात है कि उन्होंने नेतृत्व की अपनी यात्रा में चुनौतियों और संघर्षों का सामना किया और उन पर काबू पाया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और पंचायती राज मंत्रालय ने संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय सचिवालय भवन में साइड इवेंट का आयोजन किया.

राजदूत रुचिरा कंबोज ने विकेंद्रीकृत शक्ति और प्रत्यक्ष लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में भारत की अनूठी पंचायती राज प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की, जो सक्रिय लोगों की भागीदारी की सुविधा प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज प्रणाली के 14 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ भारत की यात्रा सशक्‍तीकरण, समावेशन और प्रगति की कहानी है, विशेष रूप से महिला नेतृत्व में हुई प्रगति को उजागर करती है.

यूएनओ में ड्रोन दीदी का जिक्र

राजदूत कंबोज ने महिलाओं के मुद्दों को संबोधित करने पर विशेष ध्यान देने के साथ एसडीजी के साथ स्थानीय नियोजन प्रक्रियाओं के सावधानीपूर्वक संरेखण पर भी जोर दिया. पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि जमीनी स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाना भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

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उन्होंने केंद्र सरकार की 'ड्रोन दीदी' और 'लखपति दीदी' पहल जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए आर्थिक सशक्‍तीकरण सुनिश्चित करने के लिए विकास और नीतिगत हस्तक्षेप के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में पंचायती राज संस्थानों द्वारा अपनाए गए अभिनव दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला. इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र में नॉर्वे के उपस्थायी प्रतिनिधि एंड्रियास लोवोल्ड और यूएनएफपीए के एशिया प्रशांत क्षेत्रीय निदेशक पियो स्मिथ सहित यूएनएफपीए के प्रतिनिधि मुख्य वक्ता थे.

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