कौन हैं सिद्धार्थ मुद्गल, जो जर्मनी में लड़ रहे चुनाव; घोषणा पत्र में मंदिर बनवाने का किया वादा

जर्मनी में चुनाव लड़ रहे सिद्धार्थ मुद्गल अभी काफी चर्चा का विषय बने हुए हैं, क्योंकि सिद्धार्थ क्रिश्चियन सोशल यूनियन पार्टी से चुनाव लड़ रहे है. जिसको प्रवासियों के खिलाफ माना जाता है, इसलिए उनका सीएसयू से उम्मीदवार बनना काफी अहम माना जा रहा है. 

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सिद्धार्थ मुद्गल.

Rajasthan News: जर्मनी में इस बार फरवरी में चुनाव होने वाले है. जिसके ऊपर सभी राजस्थान वासियों की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि इस बार जर्मनी के चुनाव में जयपुर के सिद्धार्थ मुद्गल को सीएसयू (क्रिश्चियन सोशल यूनियन) ने सांसद का उम्मीदवार बनाया है. यह पहला मौका है जब सीएसयू ने किसी भारतीय मूल के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है. सिद्धार्थ पिछले 21 साल से जर्मनी में रह रहे हैं. वे जर्मनी के अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ-साथ जर्मनी में कल्चरल सेंटर और मंदिर बनाने का वादा भी कर रहे हैं.

कौन है सिद्धार्थ मुद्गल

सिद्धार्थ का जन्म जयपुर में हुआ था और उनके पिता सेना में थे. उनकी शुरुआती शिक्षा जयपुर के एक निजी स्कूल से हुई. 2003 में वे जर्मनी गए और फिर वहीं बस गए. आमतौर पर उनकी पार्टी क्रिश्चियन सोशल यूनियन को प्रवासियों के खिलाफ माना जाता है, इसलिए सिद्धार्थ का सीएसयू से उम्मीदवार बनना काफी अहम माना जा रहा है.

सिद्धार्थ मुद्गल

जर्मनी में बनाएंगे हिंदू मंदिर

सिद्धार्थ ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा कि वह जर्मनी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे. साथ ही देश में व्यापार और निवेश की संभावनाओं का विस्तार करेंगे. "साथ ही उन्होंने कहा कि म्यूनिख में एक इंडियन कल्चरल सेंटर बनाएंगे और जर्मनी में एक मंदिर बनाएंगे".  सिद्धार्थ ने आगे कहा कि जर्मनी एक सेक्युलर देश है. यहां सभी धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं, यहां चर्च भी हैं, गुरुद्वारे भी हैं और कुछ मंदिर भी हैं. हम और मंदिर बनाएंगे.  इससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

नरेंद्र मोदी और अश्विनी वैष्णव के हैं प्रशंसक  

सिद्धार्थ ने भारतीय राजनेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के काम की तारीफ की है. सिद्धार्थ ने कहा कि पिछले दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज से भारत की मजबूत छवि बनी है. साथ ही कामकाज के कारण भारत की अर्थव्यवस्था भी बेहतर हुई है.

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सिद्धार्थ मुद्गल

राइजिंग राजस्थान की तारीफ की

सिद्धार्थ जर्मनी में ही थे, जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी म्यूनिख में प्रवासी राजस्थानियों से मिले थे. उनका मानना है कि इस समिट से राजस्थान में निवेश बढ़ेगा. यह काफी अहम है कि अब न सिर्फ जर्मनी की कंपनियां भारत की तरफ बल्कि भारतीय कंपनियां भी जर्मनी की तरफ आकर्षित हो रही हैं.

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