राजस्थान के प्रसिद्ध कहानीकार को मध्य प्रदेश में मिलेगा क्षितिज पुरस्कार, जानें कौन हैं मुकेश पोपली

राजस्थान के प्रसिद्ध कहानीकार मुकेश पोपली को क्षितिज साहित्य संस्था इन्दौर द्वारा क्षितिज सम्मान-2024 दिया जाएगा.

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Rajasthan News: राजस्थान के प्रसिद्ध कहानीकार मुकेश पोपली को क्षितिज सम्मान-2024 दिया जाएगा. इन्दौर की जानी-मानी क्षितिज साहित्य संस्था ने यह सम्मान देने की घोषणा की है. इस वर्ष क्षितिज साहित्य संस्था ने देश भर से आठ साहित्यकारों का चयन किया, जिनमें बीकानेर के मुकेश पोपली को प्रथम स्थान पर रखा गया है. 11 मार्च 1959 को बीकानेर में जन्में मुकेश ने एमए-हिन्दी, एमकॉम और एमजेएमसी तक पढ़ाई की है. मुकेश ने बहुत कम उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था. किशोर अवस्था से ही उनकी रचनाएं लोगों के सामने आने लगीं थी. मुकेश की कहानियां और कविताएं सन 1975 से ही आकाशवाणी से प्रसारित होनी शुरू हो गईं, जो अब तक हो रही हैं. मुकेश ने बैंककर्मी के रूप में अपना सफर शुरू किया था. 

प्रकाशित हुई किताबें और संग्रह

बचपन से कलम की पूजा कर रहे मुकेश पोपली की रचनाओं के कई प्रकाशन हो चुके हैं. उनकी प्रकाशित पुस्तकों में निम्न किताबें पाठकों तक पहुँच चुकी हैं. 
कहीं जरा सा…(कहानी संग्रह), ‘हमसफ़र' (लघुकथा संग्रह) (2020) (कलमकार प्रकाशन, जयपुर),‘पत्तल' (कहानी संग्रह), ‘शतदल' (2023) इनके अलावा उनका एक काव्य संग्रह जल्द प्रकाशित होने वाला है. 

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'हिंदी ज्ञानवेणी' के 7 साल तक संपादक रहे 

साथ ही मुकेश पोपली ने भारतीय स्टेट बैंक, दिल्ली मंडल की गृह पत्रिका 'हिंदी ज्ञानवेणी' का 7 वर्षों तक सफल संपादन किया है. इन्होंने प्रशासनिक कार्यालय, जयपुर और प्रशासनिक कार्यालय दिल्ली में पंद्रह वर्षों तक राजभाषा अधिकारी पद पर सेवा की है और अब बैंक सेवा से सेवानिवृत्ति होने के बाद बीकानेर के अपने निज-निवास में स्वतंत्र लेखन में लगे हुए हैं. 

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मुकेश ने कहा मैं तो निमित्त मात्र हूं

मुकेश को क्षितिज साहित्य सम्मान मिलने पर राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी बीकानेर में खुशी का माहौल है. इनके साथ यह पुरुस्कार साहित्य जगत में प्रसिद्ध साहित्यकार मुहम्मद अशफ़ाक़ क़ादरी, प्रसिद्ध कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार और डॉ. अजय जोशी को दिया जाएगा. वहीं क्षितिज साहित्य सम्मान मिलने पर मुकेश पोपली का कहना है कि मैं तो निमित्त मात्र हूं. कलम तो ईश्वर ही चलवाता है और मैं लिखता हूं. 

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