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This Article is From Jan 29, 2024

10 फीट के ट्रैक पर दौड़ रहा वर्ष 1985 में बना 2 फुट का रेल इंजन, बिजली से संचालन बना आकर्षण

जोधपुर में इन दिनों वर्ष 1985 में जोधपुर के रेलवे कारखाने में बने बनी 2 फीट के शंटिंग रेल इंजन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जो 10 फीट के रेलवे ट्रैक पर बाकायदा बिजली के द्वारा शंटिंग इंजन के मॉडल के रूप में बच्चे और बड़ों को भी आकर्षित कर रहा है.

10 फीट के ट्रैक पर दौड़ रहा वर्ष 1985 में बना 2 फुट का रेल इंजन, बिजली से संचालन बना आकर्षण
1985 में जोधपुर के रेलवे कारखाने में बने बनी 2 फीट के शंटिंग रेल इंजन

Jodhpur news: विश्व में सबसे बड़े रेल नेटवर्क के रूप में भारत अपना एक अलग स्थान रखता है. जहां आधुनिकता के इस दौर में जहां रेल नेटवर्किंग के क्षेत्र में विद्युतीकरण के साथ ही वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन का नेटवर्क भी तेजी से देश में फैल रहा है तो इसी बीच जोधपुर में इन दिनों वर्ष 1985 में जोधपुर के रेलवे कारखाने में बने बनी 2 फीट के शंटिंग रेल इंजन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जो 10 फीट के रेलवे ट्रैक पर बाकायदा बिजली के द्वारा शंटिंग इंजन के मॉडल के रूप में बच्चे और बड़ों को भी आकर्षित कर रहा है.

शंटिंग डीजल इंजन का मॉडल प्रदर्शित

दरअसल इन दिनों जोधपुर के दशहरा मैदान में चल रहे पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव में अटल केंद्रीय पंडाल में उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल द्वारा सजाई गई स्टाल पर पुराने शंटिंग डीजल इंजन का मॉडल प्रदर्शित किया गया है जो न सिर्फ बच्चों को बल्कि बड़े भी इस मॉडल को देखकर काफी आकर्षित हो रहे हैं.

जोधपुर रेल मंडल के वर्कशॉप में निर्मित वर्किंग शंटिंग इंजन का मॉडल 10 फिट लंबी पटरी पर रखा गया है जिसे बाकायदा बिजली के कनेक्शन से चलाया जा रहा है चला जा रहा है. जो हूबहू रेलवे के शूंटिंग प्रणाली को प्रदर्शित भी कर रहा है जिससे यह मॉडल को देखकर मौजूद लोग भी काफी आकर्षित हो रहे हैं.

इंजन का मॉडल अवलोकनार्थ रखा गया

डब्लू डी एस -3 शंटिंग इंजन का कार्य रेलवे में ट्रेनों को प्लेटफार्म से वॉशिंग लाइन अथवा एक से दूसरे प्लेटफॉर्म ले जाने का है. जहां उत्सव में प्रदर्शन के लिए रखा गया मॉडल आज भी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की शंटिंग कर रहा है उत्सव में हूबहू इस इंजन का मॉडल अवलोकनार्थ रखा गया है. जिसका नंबर 89049 भी दिल्ली वाले शंटिंग का ही है.

जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने बताया कि जोधपुर वर्कशॉप में वर्ष 1985 में रेल कर्मचारियों द्वारा बनाए गए इस वर्किंग शंटिंग इंजन का मॉडल देश की विभिन्न प्रदर्शनियों व मेलो में रखा जा चुका है जहा इसे देखकर हर कोई रोमांचित होता है.

चार पहियों का इंजन करीब 10 फीट की पटरी पर बिजली कनेक्शन से रन करता है इतना ही नहीं इंजन के भीतर बैठे लोको पायलट की प्रतिकृति देखकर भी बच्चे उत्साहित नजर आ रहे हैं. उल्लेखनीय कि वर्किंग इंजन का मॉडल दिल्ली के प्रगति मैदान पर आयोजित वर्ल्ड ट्रेड फेयर में काफी सुर्खियां बटोर चुका है.

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