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Sanwariya Seth Ji Mandir: 29 करोड़ रुपए, 135 किलो, चांदी और 1 KG से ज़्यादा सोना, साँवलिया सेठ की दान पात्र में भेंट की गिनती पूरी 

दानराशि की गिनती के लिए कुल 180 कर्मियों को लगाया गया. इतनी बड़ी मात्रा में नोटों की गिनती को पूरा करने में पांच दिन का समय लगा. पूरे मंदिर परिसर में उच्च सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है.

Sanwariya Seth Ji Mandir: 29 करोड़ रुपए, 135 किलो, चांदी और 1 KG से ज़्यादा सोना, साँवलिया सेठ की दान पात्र में भेंट की गिनती पूरी 

Krishna Dham Shri Sanwariya Seth Temple: मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री साँवलिया सेठ मंदिर में 13 मार्च को होली दहन के दिन खोले गए भंडार से निकली राशि की गिनती पांच चरणों में पूरी हो गई है. इस दौरान दानपात्र से कुल 24 करोड़ 44 लाख 94 हजार 700 रुपए, 135 किलो से अधिक चांदी और 1100 ग्राम से अधिक सोना प्राप्त हुआ. वहीं, भेंटकक्ष, मनी ऑर्डर और ऑनलाइन माध्यम से 4 करोड़ 64 लाख 68 हजार 592 रुपए का चढ़ावा आया. कुल मिलाकर मंदिर को 29 करोड़ 9 लाख 63 हजार 292 रुपए की दानराशि प्राप्त हुई.

कुल पांच चरणों में हुई दान राशि की गिनती 

दानराशि की गिनती का कार्य पांच चरणों में संपन्न हुआ. पहले चरण में 500-500 रुपए के नोटों की गिनती कर 7 करोड़ 55 लाख रुपए एकत्रित किए गए और इन्हें हाई सिक्योरिटी तहखाने में सुरक्षित रखा गया. 14 मार्च को धुलेंडी और उसके बाद शनिवार-रविवार होने के कारण गिनती स्थगित रही. 17 मार्च से पुनः गिनती शुरू हुई, जिसमें क्रमशः दूसरे चरण में 4 करोड़ 97 लाख 20 हजार, तीसरे चरण में 4 करोड़ 72 लाख 75 हजार, चौथे चरण में 4 करोड़ 75 लाख 20 हजार और पांचवें चरण में 2 करोड़ 44 लाख 79 हजार 700 रुपए की गणना हुई.

180 लोगों ने गिने 29 करोड़ रुपए 

इस विशाल दानराशि की गिनती के लिए कुल 180 कर्मियों को लगाया गया. इतनी बड़ी मात्रा में नोटों की गिनती को पूरा करने में पांच दिन का समय लगा. पूरे मंदिर परिसर में उच्च सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है. गिनती के दौरान मंदिर प्रशासन ने मोबाइल से फोटो और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगाया है.

विदेशी मुद्राएं भी प्राप्त हुईं

दानपात्र से नकदी के अलावा 135 किलो 302 ग्राम चांदी, 1 किलो 133 ग्राम सोना और विदेशी मुद्राएं भी प्राप्त हुईं. हालांकि, दानपात्र में मौजूद सिक्कों की गिनती अभी पूरी नहीं हो सकी है, क्योंकि उनकी संख्या लाखों में है. मंदिर प्रशासन ने तय किया है कि अब इसी माह चतुर्दशी को, यानी 14 दिन बाद, फिर से भंडार खोला जाएगा और नोटों की गिनती की जाएगी.

मंदिर मंडल की सीईओ प्रभा गौतम ने जानकारी दी कि भंडार से प्राप्त राशि का उपयोग मंदिर के विकास कार्यों और धार्मिक सेवाओं में किया जाएगा. भक्तों द्वारा दिए गए इस विशाल चढ़ावे से मंदिर की समृद्ध परंपरा और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमाण मिलता है.

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