70 साल का बुजुर्ग 6 साल से पोते का नहीं कर पाया अंतिम संस्कार, पुलिस के मालखाने में रखी है खोपड़ी

Rajasthan: बुजुर्ग का आरोप है कि पुलिस अंतिम संस्कार के लिए पोते की खोपड़ी नहीं दे रही है. पुलिस को बुजुर्ग को यह कहकर टरका देती है कि खोपड़ी मालखाने में रखी है. कोर्ट से ही छूटेगी. 

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बुजुर्ग का आरोप है कि पुलिस अंतिम संस्कार के लिए पोते की खोपड़ी नहीं दे रही है.

Rajasthan: चित्तौड़गढ़ के ओंकार चारण (70) पोते के अंतिम संस्कार के लिए 6 साल से थाने और एसपी ऑफिस के चक्कर लगा रहा है. आरोप लगाया कि पुलिस उसके पोते की खोपड़ी नहीं दे रही है. ओंकार चारण (70) चित्तौड़गढ़ के कनेरा के रहने वाले हैं.  21 सितंबर 2016 को उनका पोता योगेंद्र उर्फ लोकेश (19) पुत्र यशवंत चारण लापता हो गया था. उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. 

खेत में मिली थी खोपड़ी 

24 फरवरी 2018 को गुर्जर खेड़ी गांव में एक खेत में मानव खोपड़ी मिली. ओंकार का कहना है कि पुलिस ने खोपड़ी की डीएनए जांच करवाई तो उनके पोते योगेंद्र की निकली. पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. खोपड़ी का उदयपुर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराया गया. ओंकार चारण का आरोप है कि पुलिस ने उनके पोते की खोपड़ी गुमा दी है. पुलिस आरोपियों को बचाने का भी आरोप लगाया है.   

एसपी के आदेश पर दोबारा फाइल खुली 

ओंकार चारण ने कुछ लोगों पर शक जताया था. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की. लेकिन खुलासा नहीं हुआ. 14 अगस्त 2021 को पुलिस ने एफआर लगा दी. ओंकार ने एसपी से फाइल दोबारा खोलने की मांग की. एसपी के आदेश पर दोबारा केस फाइन खोलने के आदेश दिए. 

लाई डिटेक्ट टेस्ट करवाने से किया मना 

पुलिस ने मामले में संदिग्ध दिनेश बैरागी और विमला चारण का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाने की कोर्ट से अनुमति ली. पुलिस ने 20 अगस्त 2024 को दोनों को विधि विज्ञान प्रयोगशाल गांधी नगर गुजरात के अधीक्षक के सामने पेश किया. दोनों ने लाई डिटेक्ट टेस्ट करवाने से मना कर दिया. 

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पोते के अंतिम संस्कार करने की अंतिम इच्छा   

पीड़ित ओंकार चारण ने बताया कि वे 70 साल के हो चुके हैं. जिंदा रहते पोते की खोपड़ी और कंकाल का धार्मिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहते हैं. 

खोपड़ी मालखाना में रखी हुई है  

इस मामले में निम्बाहेड़ा डिप्टी बद्री लाल राव ने एनडीटीवी को बताया कि खोपड़ी को फर्द जब्ती की हैं. डीएनए टेस्ट में भी योगेंद्र की खोपड़ी होना सामने आया है. खोपड़ी मालखाना में रखी हुई है.  प्रार्थी संबंधित न्यायालय में प्रार्थना पत्र लगाएं, जिसके लिए हम उन्हें सपोर्ट कर सकते हैं. साथ में उसकी खोपड़ी के जैविक माता-पिता की एफएसएल रिपोर्ट लगा सके न्यायालय द्वारा मांगने पर... न्यायालय द्वारा विधिवत रूप से उन्हें खोपड़ी दे सके ताकि भविष्य में उन्हें कोई कानूनी पेचदगी नहीं हो.

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