रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेला गया डीडवाना का एक और युवक आया सामने, अस्पताल से वीडियो बना कर सुनाया दर्द

पीड़ित के मुताबिक रूसी फ़ौज की वर्दी और भाषा ट्रांसलेटर के साथ उन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई, जिसमें आधुनिक हथियार चलाने ट्रेनिंग शामिल थी, फिर उसे अन्य कैंप में भेज दिया गया. गत 21 फरवरी को मोबाइल व दस्तावेज छीनकर उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया गया.

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Didwana News: डीडवाना से रूस में नौकरी के लिए गए युवकों को रूसी सेना में धकेलने का एक और मामला सामने आया है. रणजीत नामक युवक ने सोशल मैसेंजर साइट टेलीग्राम पर 32 सेकेंड का एक रिकॉर्डेड वीडियो साझा कर बताया है कि उसे रूसी सेना में शामिल कर युद्ध के मैदान में धकेल दिया गया, जिसमें वह युद्ध में घायल हो गया है.

इससे पहले, डीडवाना क्षेत्र के ही नेमाराम नामक एक युवक का भी एक वीडियो सामने आ चुका है, जिसमें नेमाराम ने भी खुद को सेना आर्मी में शामिल करने और युद्ध के दौरान उसे गोलियां लगने की बात कही थी.

ड्राइवर की नौकरी करने गया था पीड़ित 

डीडवाना के डाबड़ा गांव निवासी चेनाराम के पुत्र रणजीत ने टेलीग्राम पर साझा किए 32 सेकंड के वीडियो में कहता हुआ दिख रहा है कि वह रूस के एक अस्पताल में है और जहां वह फंस चुका है. रणजीत के मुताबिक उसे ड्राइवर की नौकरी के लिए रूस भेजा गया था, लेकिन यहां उसे ड्राइवर की नौकरी के बजाय युद्ध के मैदान में धकेल दिया गया है.

पीड़ित ने नेमाराम को अपना मित्र बताते हुए कह रहा है कि रूसी सेना में शामिल कर उसे रूस-यूक्रेन युद्ध में उतार दिया गया था, जिससे नेमाराम को हाथ और पैर में गोलियां लगी है और अब उसके कंधे पर चोट लगी है. पीड़ित ने जल्द से जल्द रूस से निकालने की अपील की है.

'मोबाइल और दस्तावेज छीना'

रणजीत के अनुसार उन्हें रूस में अच्छी नौकरी और अच्छे वेतन का झांसा देकर रूस भेजा गया था, जैसे ही वह रूस पहुंचा, तो वहां एजेंट का फोन आया कि यदि वह 50 हजार रुपए का भुगतान करते हैं तो जिस काम के लिए उन्हें बुलाया गया है, उसी काम पर उनकी ड्यूटी लगा देंगे. रणजीत ने एजेंट को 50 हजार रुपए दे दिए.

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पीड़ित के मुताबिक रूसी फ़ौज की वर्दी और भाषा ट्रांसलेटर के साथ उन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई, जिसमें आधुनिक हथियार चलाने ट्रेनिंग शामिल थी, फिर उसे अन्य कैंप में भेज दिया गया. गत 21 फरवरी को मोबाइल व दस्तावेज छीनकर उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया गया.

युवाओं को बरगलाकर रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेला

भारत के युवाओं को बरगलाकर नौकरी के नाम पर रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेलने की घटना को अंतरराष्ट्रीय साजिश की तरह देखा जा रहा है. डीडवाना क्षेत्र के चार युवक कंप्यूटर ऑपरेटर और ड्राइवर की नौकरी के लिए रूस भेजे गए, लेकिन वहां उन्हें युद्ध में धकेल दिया गया.

रणजीत और नेमाराम को जिन एयर टिकट से रूस भेजा गया है, उसमें फॉरवर्ड मैसेज में हरियाणा के दो युवकों के नाम आ रहे हैं. हरियाणा के शातिर एजेंट है खुद को न्यूजीलैंड का बताते हैं. संभव है ये एजेंट यूक्रेन युद्ध में दलालों की कड़ी का काम कर रहे हों.

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