Didwana News: डीडवाना से रूस में नौकरी के लिए गए युवकों को रूसी सेना में धकेलने का एक और मामला सामने आया है. रणजीत नामक युवक ने सोशल मैसेंजर साइट टेलीग्राम पर 32 सेकेंड का एक रिकॉर्डेड वीडियो साझा कर बताया है कि उसे रूसी सेना में शामिल कर युद्ध के मैदान में धकेल दिया गया, जिसमें वह युद्ध में घायल हो गया है.
ड्राइवर की नौकरी करने गया था पीड़ित
डीडवाना के डाबड़ा गांव निवासी चेनाराम के पुत्र रणजीत ने टेलीग्राम पर साझा किए 32 सेकंड के वीडियो में कहता हुआ दिख रहा है कि वह रूस के एक अस्पताल में है और जहां वह फंस चुका है. रणजीत के मुताबिक उसे ड्राइवर की नौकरी के लिए रूस भेजा गया था, लेकिन यहां उसे ड्राइवर की नौकरी के बजाय युद्ध के मैदान में धकेल दिया गया है.
'मोबाइल और दस्तावेज छीना'
रणजीत के अनुसार उन्हें रूस में अच्छी नौकरी और अच्छे वेतन का झांसा देकर रूस भेजा गया था, जैसे ही वह रूस पहुंचा, तो वहां एजेंट का फोन आया कि यदि वह 50 हजार रुपए का भुगतान करते हैं तो जिस काम के लिए उन्हें बुलाया गया है, उसी काम पर उनकी ड्यूटी लगा देंगे. रणजीत ने एजेंट को 50 हजार रुपए दे दिए.
युवाओं को बरगलाकर रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेला
भारत के युवाओं को बरगलाकर नौकरी के नाम पर रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेलने की घटना को अंतरराष्ट्रीय साजिश की तरह देखा जा रहा है. डीडवाना क्षेत्र के चार युवक कंप्यूटर ऑपरेटर और ड्राइवर की नौकरी के लिए रूस भेजे गए, लेकिन वहां उन्हें युद्ध में धकेल दिया गया.
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