ACB ACtion: ठेकाकर्मियों की ज्यादा अटेंडेस लगाकर लेती थी कमीशन, ACB ने पकड़ा तो मुंह छिपाते हुए रोने लगी ECG टेक्नीशियन

ACB Action in Jodhpur: जोधपुर में शुक्रवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने एमडीएम हॉस्पिटल की एक महिला कर्मचारी और एक दलाल को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तारी के बाद महिला कर्मी अपना चेहरा छिपाते नजर आई. पूछताछ के दौरान वह रोने भी लगी.

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जोधपुर में रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार महिला कर्मचारी.

ACB Action in Jodhpur: जोधपुर के मथुरादास माथुर हॉस्पिटल (MDM Hospital) में काम करने वाले ठेकाकर्मियों की ज्यादा हाजिरी लगाकर उससे कमीशन लेने वाली एक महिला कर्मी को घूसखोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. कार्रवाई शुक्रवार दोपहर बाद हुई. एसीबी टीम ने बताया कि जोधपुर के एमडीएम हॉस्पिटल में एक महिला कर्मचारी सहित दलाल को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. महिला कर्मचारी ठेकाकर्मियों का हाजिरी रजिस्टर मेंटेन करती थी. कर्मचारियों की हाजिरी में 12 अटेंडेंस ज्यादा जोड़कर कमीशन के रुपए मांगती थी. इस बात की शिकायत एसीबी से बीते दिनों की गई थी. जिसके तहत शुक्रवार को एसीबी ने उक्त महिला कर्मी और दलाल को गिरफ्तार किया.  

27 दिन काम, हाजिरी 40 दिन का, फिर मांगती थी कमीशन 

ACB के डीवाई एसपी गोरधनराम ने बताया कि जोधपुर के मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में संविदा पर नियुक्त एक कर्मचारी ने मामले की शिकायत की थी. उसने बताया था कि, हॉस्पिटल की ECG टेक्नीशियन वैशाली शर्मा ठेका कर्मियों का अटेंडेंस रिकॉर्ड मेंटनेट करती है. टेक्नीशियन के तौर पर 27 दिन हॉस्पिटल में काम किया था लेकिन इंचार्ज वैशाली शर्मा 40 दिन की उपस्तिथि कर रिकॉर्ड बनाकर पेमेंट पास करवाती है. 12 दिन की हाजिरी ज्यादा लिखने की एवज में कमीशन के 3600 रुपए मांगती है. 

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महिला कर्मी के बैग में मिले रिश्वत के रुपए

मामले की शिकायत मिलने पर ACB ने सत्यापन करवाया, जिसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई. इसके बाद शुक्रवार को ACB टीम ने कार्रवाई करते हुए एमडीएम हॉस्पिटल के मल्टी लेवल आईसीयू में टेक्निशियन वैशाली और दलाल पीयूष शर्मा को गिरफ्तार किया. ACB ने जैसे ही महिला कर्मचारी को पकड़ा, वह सिर पकड़कर रोने लगी. महिला कर्मचारी वैशाली शर्मा करीब ढाई साल पहले जोधपुर के मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में एक टेक्नीशियन के तौर पर चयनित हुई थी. उसे यहां पर एक डिपार्टमेंट में काम करने वाले ठेकाकर्मियों की हाजिरी बनाने और उपस्थिति रिकॉर्ड दर्ज करने का जिम्मा सौंपा गया था. 

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उसने ठेकाकर्मी दलाल के साथ मिलकर उन युवकों को निशाना बनाना शुरू किया जो एमडीएम हॉस्पिटल में नए-नए स्टाफ के तौर पर लगे थे. इन संविदा कर्मियों को वैशाली शर्मा और उनके साथी दलाल हाजिरी रजिस्टर में कम दिन काम करने के बावजूद ज्यादा उपस्थित दर्ज कर कमीशन के तौर पर पैसे लेते थे. ईसीजी टेक्नीशियन के तौर पर काम करने वाले निविदा कर्मी को 280 रुपए प्रतिदिन मिलते हैं, जिसमें 6 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ती है.

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