Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर शहर के पंचशील नगर में रहने वाली इलैन डिक्सन ने ईसाई धर्म छोड़कर सनातन धर्म को अपना लिया है. अब वे वैष्णवी जोशी के नाम से जानी जाएंगी.
यह बदलाव पंचशील नगर के शिव मंदिर में वैदिक रीति-रिवाजों के साथ हवन, पूजा और मंत्रोच्चारण के बीच हुआ. इस खास मौके पर मंदिर में मौजूद लोगों ने वैष्णवी के फैसले का स्वागत किया और उन्हें आशीर्वाद दिया.
बचपन से था सनातन धर्म की ओर झुकाव
वैष्णवी ने बताया कि उनकी मां की शादी एक ईसाई व्यक्ति से हुई थी, जिससे उनका जन्म हुआ. लेकिन बचपन से ही उनका मन हिंदू धर्म की ओर खींचा चला गया. वे अपनी नानी के साथ रहती थीं, जो जोशी परिवार से थीं और हिंदू धर्म का पालन करती थीं.
नानी रोज पूजा करती थीं और चंदन का टीका लगाती थीं, जो वैष्णवी को बहुत पसंद था. धीरे-धीरे वे हिंदू परंपराओं में रम गईं. पूजा-पाठ, देवी-देवताओं की कहानियां और सनातन संस्कृति ने उन्हें हमेशा आकर्षित किया.
सनातन धर्म से मिली आत्मिक शांति
वैष्णवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सनातन धर्म ने उन्हें सच्ची शांति और जीवन का सही रास्ता दिखाया. लंबे समय से उनके मन में यही इच्छा थी कि वे उसी धर्म को अपनाएं, जिससे उनका दिल जुड़ा है.
अब वैदिक अनुष्ठानों के साथ उन्होंने खुद को पूरी तरह सनातन धर्म से जोड़ लिया है. वे कहती हैं, “मुझे गर्व है कि मैं अब वैष्णवी जोशी के रूप में सनातन परंपराओं के साथ जीवन जिऊंगी.”
नए जीवन की शुरुआत
वैष्णवी ने अपने फैसले पर खुशी जताई और कहा कि वे अब सनातन धर्म की शिक्षाओं को अपनाकर जीवन बिताएंगी. मंदिर में मौजूद लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की. वैष्णवी का कहना है कि यह उनके लिए न सिर्फ धर्म परिवर्तन, बल्कि एक नई और सार्थक जिंदगी की शुरुआत है.
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