Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह हमेशा से शांति और भाईचारे का प्रतीक रही है. इस परंपरा को कायम रखते हुए दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के एशिया कप ट्रॉफी न लेने के फैसले को सही ठहराया और इसे राष्ट्रीय सम्मान की जीत बताया.
बेगुनाहों के खून से रंगे हाथों से दूरी
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी के साथ हाथ न मिलाने के भारतीय टीम के फैसले की तारीफ की. उन्होंने कहा, "हम उन लोगों से हाथ नहीं मिला सकते जिनके हाथ बेगुनाह भारतीयों के खून से सने हों." उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों को याद करते हुए कहा कि भारत का दर्द और शहीदों की कुर्बानी हमेशा हमारे दिलों में रहेगी. यह फैसला केवल खेल की जीत नहीं, बल्कि देश की गरिमा और सम्मान का प्रतीक है.
भारतीय सेना को समर्पित एशिया कप की फीस
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एशिया कप से मिली फीस भारतीय सेना को समर्पित करने का ऐलान किया. इस कदम की सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि यह फैसला देश के प्रति सम्मान और सामाजिक जिम्मेदारी का शानदार उदाहरण है. यह कदम न केवल सेना के प्रति कृतज्ञता दर्शाता है, बल्कि युवाओं को देशभक्ति और एकता का संदेश भी देता है.
दुनिया के लिए भारत का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय टीम को जीत की बधाई दी, जिस पर चिश्ती ने कहा कि यह संदेश सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है. भारत हर मंच पर शांति, सम्मान और गरिमा का प्रतीक है. यह जीत सिर्फ खेल की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव को दर्शाने का अवसर है. उन्होंने कहा कि हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह देश के सम्मान को सर्वोपरि रखे.
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