Junk Turned Vintage Car: कबाड़ से बनाई विंटेज कार, सिंगल चार्ज पर तय करती है 70-80 किमी की दूरी

अजमेर रेलवे अधिकारी के मुताबिक अजमेर रेलवे स्टेशन पर कबाड़ में तब्दील हो चुकी पर रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की नजर पड़ी, तो उन्होंने कबाड़ बन चुकी कार का सदुपयोग में लाने का निर्णय कर लिया. फिर उसके प्रोडक्टिव यूज के लिए स्थानीय मैकेनिक से उसका पूरा रिनोवेशन कराया गया. 

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कबाड़ से बना दी विंटेज कार

Junk Turned Vintage Car: रेलवे के अधिकारी अपना अधिकतर समय यात्रियों को सुगम यात्रा कराने और रेलवे  किस तरीके से आगे से आगे बढे़ उसके लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन अजमेर के रेलवे अधिकारियों ने कबाड़ में पड़ी कार को विंटेज कार बनाकर खूब वाहवाही बंटोर रहे हैं. सीनियर डीसीएम सुनील मेहला ने कबाड़ से विंटेज कार में तब्दील हुई पूरी कहानी साझा की है.

कबाड़ से विंटेज कार में तब्दील हुई कार का उपयोग अब अजमेर रेलवे के अधिकारी रेलवे की कॉलोनी और रेलवे अधिकारी क्लब सहित हेरिटेज बिल्डिंग के निरीक्षण के लिए करेंगे.

अधिकारी के मुताबिक अजमेर रेलवे स्टेशन पर कबाड़ में तब्दील हो चुकी पर रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की नजर पड़ी, तो उन्होंने कबाड़ बन चुकी कार का सदुपयोग में लाने का निर्णय कर लिया. फिर उसके प्रोडक्टिव यूज के लिए स्थानीय मैकेनिक से उसका पूरा रिनोवेशन कराया गया. 

चार नई बैटरी और लाइट से बनी विंटेज कार

रेलवे अधिकारी सुनील मेहला ने बताया कि इस विंटेज कार को सड़क पर दौड़ने के लिए इसमें चार नई बैटरी लगाई गई. सभी पुरानी और खराब लाइट्स को चेंज कर नई लाइट्स लगाई गई, जिसको चलाना बहुत आसान है. इसमें एक स्विच है जिसको ऊपर करते हैं तो कार बैक रिवर्स गियर में चलती है और स्विच को नीचे करते हैं तो कार आगे बढ़ती है. 

ई-कार की अवधारणा को किया साकार

बड़ी बात यह है कि कबाड़ पर जुगाड़ लगाकर यह विंटेज कार बनाई है और इस अनूठी कार को देखने के लिए अधिकारी तक आ रहे हैं. इस कार में ड्राइवर सहित चार लोग बैठकर  आराम से सफर कर सकते हैं. रेलवे अधिकारी ने कहा, पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई मेक इन इंडिया और ई-कार की अवधारणा को अजमेर रेलवे के अधिकारियों  ने साकार किया है.

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4 बैटरियां से संचालित विंटेज कार को चार से पांच घंटे चार्ज करने पर 70 से 80 किलोमीटर तक आराम से चलती है. कार को फुल चार्ज करने में महज 5 से 6 घंटे का समय लगता है.

सुनील  मेहला ने कहा कि इसे रेलवे अधिकारी क्लब में विंटेज लुक के साथ रखा जाएगा और जब भी रेलवे अधिकारी क्लब में विजिटर या निरीक्षण अधिकारी करेंगे, तब उन्हें इस विंटेज कार में बैठाकर रेलवे अधिकारी क्लब सहित हेरिटेज बिल्डिंग का निरीक्षण कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि जल्द ही यह विंटेज कार रेलवे की सड़कों पर दौड़ती नजर आएगी.

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