अजमेर दरगाह के सालाना उर्स में शामिल होने पाकिस्तान से पहुंचे 230 जायरीन, स्टेशन पर ही करते दिखे सजदा

Ajmer Sharif Khwaja Garib Nawaz Urs: अजमेर स्थित सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर देश-विदेश के करोड़ों लोगों की आस्था है. आम अवाम के साथ-साथ यहां अक्सर नामी-गिरामी लोग भी पहुंचते रहते हैं. इस समय मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 812वां सालाना उर्स शुरू हो चुका है, जिसमें सोमवार को पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था पहुंचा है.

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Ajmer Sharif Khwaja Garib Nawaz Urs: अजमेर दरगाह के उर्स में शामिल होने पहुंचे पाकिस्तानी जायरीन.

Ajmer Sharif Khwaja Garib Nawaz Urs: अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स में शामिल होने पाकिस्तान से 230 जायरीनों का जत्था भारत पहुंच चुका है. सोमवार को अमृतसर से स्पेशल ट्रेन के जरिए 230 पाकिस्तानी जायरीनों का दल अजमेर पहुंचा. सभी पाकिस्तानी जायरीनों को  कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई बसों में बैठाकर सेंट्रल गर्ल्स स्कूल पहुंचाया गया. जहां उनके रहने की व्यवस्था की गई है. सूफी संत मोईनुद्दीन चिश्ती की स्थली अजमेर स्टेशन पर जैसे ही जायरीनों की ट्रेन रुकी, बड़ी संख्या में सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी दिखाते हुए पाकिस्तानी यात्रियों को प्लेटफॉर्म से बाहर तक लेकर आए. लेकिन इस दौरान प्लेटफॉर्म पर भी कुछ पाकिस्तानी जायरीन सजदा करते नजर आए. 

पाक दूतावास के अधिकारी और कर्मचारी भी साथ

पाकिस्तान से अजमेर पहुंचे जायरीनों के साथ पाक दूतावास के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं. जो इन अकीदतमंदों की सुविधाओं का ख्याल रखेंगे. बताया गया कि ये जायरीन अमृतसर से विशेष ट्रेन से अजमेर पहुंचे. अमृतसर से आई विशेष ट्रेन के 6 बोगियों में पाकिस्तानी जायरीन सवार थे. जायरीनों की सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए हैं. 

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अजमेर पहुंचते ही पाक नागरिकों के छलके खुशी के आंसू

गरीब नवाज उर्स में शिरकत करने के लिए हर साल पाकिस्तान के नागरिक दरगाह में जियारत के लिए आते हैं. करेंसी चेंज करने सहित अन्य समस्या को लेकर अपने तय कार्यक्रम से करीब  पांच घंटे देरी से पहुंचे पाक नागरिकों ने अजमेर आकर खुशी का इजहार किया और कहा कि अजमेर आकर उन्हें दिली सुकून मिला है. अजमेर पहुंचने पर कई पाकिस्तानी यात्रियों के खुशी के आंसू भी छलक गए। पाकिस्तान से आये जायरीनों के दल में लगभग 230 लोग शामिल थे.
 

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पाकिस्तानी जायरीनों के जत्थे में कई बुजुर्ग भी शामिल हैं.

प्लेटफॉर्म खाली कर उतारे गए पाकिस्तानी जायरीन

वहीं पाकिस्तानी नागरिकों के अजमेर पहुंचने को लेकर खुफिया एजेंसियों व पुलिस प्रशासन ने स्टेशन पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी. साथ ही पूरे एक नम्बर प्लेटफार्म को भी खाली करा दिया गया था. स्टेशन पहुंचने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सभी की गिनती कर उनको बस से अपने निर्धारित स्थान सेंट्रल गर्ल्स स्कूल पहुंचाया जहां इनको ठहराया जाएगा.

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20 जनवरी तक अजमेर में रहेंगे पाक जायरीन

पाकिस्तानी जायरीन अगले 5 दिन तक यानी कि 20 जनवरी तक अजमेर मे रहेंगे. इस दौरान वह गरीब नवाज की दरगाह में अकीदत के फूल और मखमली चादर पेश करेंगे. वही अजमेर पहुंचे पाक नागरिकों से जब मीडिया से बातचीत की तो उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद दिया और सफर के इंतजाम को काफी बेहतर बताया. सभी पाकिस्तान  जायरीनों ने बताया कि दोनों मुल्कों में अमन-चैन, शांति बने, इसको लेकर अजमेर की दरगाह में दुआ की जाएगी.

स्टेशन पर पहुंचते ही झुकाए सर 

जैसे ही अजमेर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्पेशल ट्रेन रुकी उसके बाद जायरीन  प्लेटफार्म पर उतरते ही हाथ हिलाकर अभिवादन करते नजर आए और कई पाकिस्तानियों ने प्लेटफार्म पर ही सर झुका कर नमाज अदा की. जिसे देखकर कई लोगों ने कहा कि भले ही दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हो लेकिन दोनों ओर रहने वाले लोगों की हसरत शांति ही है.  

अजमेर पहुंचते ही स्टेशन पर सजदा करते नजर आए कई पाकिस्तानी जायरीन.

ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का 812वां उर्स जारी

मालूम हो कि अजमेर स्थित सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर देश-विदेश के करोड़ों लोगों की आस्था है. आम अवाम के साथ-साथ यहां अक्सर नामी-गिरामी लोग भी पहुंचते रहते हैं. इस समय मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 812वां सालाना उर्स शुरू हो चुका है, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से जायरीन दरगाह जियारत के लिए अजमेर पहुंच रहे हैं.

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