राजस्थान में बाघ का आतंक, घरों में घुसकर लगा रहा दहाड़; पीछा कर रही वन विभाग की टीम 

राजस्थान में अलवर के सरिस्का जंगल से निकाल एक बाघ पिछले कई दिनों से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जा रहा है और दहशत मचा रहा है. बाघ लोगों के घरों में घुसकर दहाड़ लगा रहा है.

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बाघ ने मचाया आंतक.

Rajasthan News: राजस्थान पिछले कई दिनों से बाघ और पैंथर की लगातार मूवमेंट देखने को मिल रही है. प्रदेश के कई जिलों में कुछ दिन पहले पैंथरो ने दहशत मचाई थी और अब यहां एक बाघ खेतों में खुला घूम रहा है. यह बाघ सरिस्का के जंगलों से निकलकर आया है और वन विभाग की टीम पिछले 2 दिनों से इसका पीछा कर रही है. यह बाघ पहले दौसा के रैणी क्षेत्र में पहुंचा और इसके बाद अब यह करणपुरा गांव में पहुंच गया है.

इसका नाम बाघ 2402 है. सरिस्का से निकला बाघ पहले तो बांदीकुई में देखा गया और अब यह वापस अलवर की ओर आ रहा है. यह अब दौसा के गांव महुखुर्द से गांव करणपुरा पहुंच गया है. जहां सरिस्का की टीम ने पहुंचकर पगमार्क देखे और टाईगर होने की पुष्टि की है. बाघ ने गांव के एक मकान में घुसकर दहाड़ लगाई जिसके बाद गांव के लोग सहम गए हैं.

बाघ ने मकान में घुसकर मारी दहाड़

सरिस्का से निकला बाघ st2402 रैणी के गांव करणपुरा में खेतों से निकल कर एक मकान के दोनों तरफ के दरवाजे से निकला. घटना के बाद मकान मालिक महिला ने बताया कि सुबह टाईगर की दहाड़ से पूरा परिवार सहम गया और कोई भी मकान से नहीं निकाला. सुबह मकान में पगमार्क मिले. 

सूचना पर वन विभाग की टीम गांव करणपुरा पहुंची और पगमार्क देखकर बाघ ST 2402 होने की पुष्टि की. बाघ की पुष्टि होने के बाद वन विभाग की कई टीम रैणी गांव के आसपास बाघ को तलाश कर रही है.  

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सरिस्का से लगातार निकाल रहे बाघ 

बाघ 2402 अधिकतर सरिस्का जंगल की अकबरपुर रेंज में देखा जाता था. जहां से वह कुछ दिन पहले निकलकर आबादी वाले इलाकों में आ गया है. यह बाघ सरिस्का से पिछले 8 दिनों से लापता चल रहा था. यह पहला मामला नहीं है जब जंगल से कोई बाघ बाहर आया है. पिछले कुछ समय से सरिस्का से लगातार बाघ जंगल छोड़कर बाहर निकल रहे हैं. इससे पहले जंगल से निकलकर बाघ 2303 हरियाणा पहुंच गया था.

इसके बाद वन विभाग की टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज किया और विषधारी टाइगर रिजर्व भेजा था. वहीं टाइगर st13 कई साल से मिसिंग है, जिसका कोई पता नहीं है. जंगल में बाघों पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है. इसके साथ ही सरिस्का से निकालकर बाघ 2401 और बाघ 2305 बहुत समय से जयपुर के जमवा रामगढ़ क्षेत्र में विचरण कर रहे है.

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