
Alwar News: राजस्थान में अलवर के बाबू शोभाराम राजकीय कला कॉलेज में छात्रों ने प्रिंसिपल के कमरे में ताला जड़ दिया. इस पर कॉलेज स्टाफ प्रिंसिपल के चैंबर का ताला खुलवाने के लिए छात्रों से मनुहार करता रहा. सूचना पर पुलिस भी पहुंची. छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते कॉलेज में चल रही परीक्षा में भी व्यवधान हुआ है. जानकारी के मुताबिक, सेमेस्टर एग्जाम के लिए कुछ छात्र 5 मिनट की देरी से पहुंचे थे. जिसके चलते उन्हें कॉलेज प्रशासन ने मनमर्जी दिखाते हुए एग्जाम नहीं देने दिया. इसी के कारण वह विरोध करने उतरे गए.
उपस्थिति लगा कर दिया बाहर
छात्रों ने बताया कि मंगलवार को स्नातक की थर्ड सेमेस्टर का एग्जाम था. इस दौरान सुबह 4 स्टूडेंट समय से करीब 5 मिनट देरी से आए. इस पर कॉलेज प्रशासन ने मनमर्जी करते हुए उनको एग्जाम नहीं देने दिया. एक छात्रा भी देरी से आई थी और उसकी उपस्थिति करवाने के बाद भी उसे परीक्षा केंद्र से बाहर कर दिया गया. छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन की तानाशाही के चलते उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है.
ताला खुलवाने के लिए छात्रों से मनुहार
इसके बाद स्टूडेंट्स ने एकत्रित होकर विरोध किया और कॉलेज प्रिंंसिपल के कमरे में ताला जड़ दिया. छात्रों ने कहा कि जब तक कॉलेज प्रशासन की मनमानी चलती रहेगी. वह ताला नहीं खोलेंगे. इन विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की व्यवस्था की जाए. इधर कॉलेज प्रशासन छात्रों से ताला खुलवाने की मनुहार करता रहा, लेकिन छात्र बिल्कुल नहीं माने और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. सूचना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची.
कला कॉलेज के प्रिंसिपल अशोक आर्य का कहना है कि परीक्षा का समय शुरू होने के बाद भी बच्चों को लगातार 10 मिनट तक आवाज दी गई. कोई भी अभ्यर्थी अगर परीक्षा देना चाहता है तो वह अंदर प्रवेश कर सकता है, लेकिन उस दौरान तक कोई अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं आया और करीब आधे घंटे बाद कुछ अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए आए और अंदर जाने के लिए दबाव बनाने लगे. जो बिल्कुल नियम विरोध होता. इसी के चलते उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया. कुछ छात्र नेताओं ने प्रदर्शन किया है जिन्हें समझाकर भेज दिया गया.
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