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सवाई माधोपुर में मादा बाघिन और पैंथर की हुई मौत, वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर

सवाई माधोपुर में वन्य जीवों के मौत का बढ़ता सिलसिला उनकी देखभाल पर सीधा सवाल खड़ा करता है. रणथम्भौर नेशनल पार्क में लगातार 2 बाघिनों के मौत और एक अन्य पैंथर की मौत हो गई.

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सवाई माधोपुर में मादा बाघिन और पैंथर की हुई मौत, वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर
मृतक बाघिन की तस्वीर

Tiger Death: सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) से वन्यजीव प्रेमियों के लिए आज एक बार फिर एक दुःखद खबर सामने आई. रणथंभौर की बाघिन T-60 की रविवार (4 फरवरी) को मौत हो गई. बाघिन टी 60 की अकाल मौत ने वन्यजीव प्रेमियों को एक बार फिर से गमगीन कर दिया. वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक गस्त के दौरान वन कर्मियों को रणथंभौर के गुढ़ा वन क्षेत्र में बाघिन टी 60 का शव पड़ा हुवा मिला. बाघिन टी 60 का शव देख वनकर्मियों ने विभागीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी. वनकर्मियों की सूचना पर वनाधिकारी मौके पर पहुंच और बाघिन के शव को कब्जे में कर राजबाग नाका लाया गया. जहां बाघिन टी 60 के शव का पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया गया और पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बाघिन टी-60 की अकाल मौत को लेकर वेटरनरी डॉक्टर राजीव गर्ग ने बताया कि बाघिन शावक जन्म देने का प्रयास कर रही थी, लेकिन बाघिन शावक को जन्म नहीं दे पाई. बाघिन के शावक को जन्म देने के दौरान शावक का मुंह बाहर और शरीर अंदर गर्भनाल में फस गया और बाघिन की मौत हो गई. डॉ. राजीव गर्ग ने बताया कि बाघिन के किसी भी आंतरिक भाग में किसी भी तरह की कोई चोट का निशान नहीं मिली है. बाघिन की मौत शावक को जन्म देने के दौरान शव के गर्भनाल में फंसने की वजह से हुई है. वन अधिकारियों के मुताबिक बाघिन टी-60 बाघिन टी-31 की संतान थी. बाघिन टी-31 को रणथंभौर में इंदु के नाम से भी जाना जाता था. ऐसे में बाघिन टी-60 को वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों ने जुनियर इंदू नाम भी दिया गया था. 

कुछ दिन पहले एक बाघिन की हुई थी मौत

वनाधिकारियों के मुताबिक रणथम्भौर के नॉन ट्यूरिज्म क्षेत्र में बाघिन टी-60 का विचरण रहता था. 4 मार्च 2016 को पहली बार बाघिन टी 60 तीन शावकों के साथ नजर आई थी, इसके बाद अप्रैल 2019 में बाघिन ने दो शावकों के जन्म दिया. इस बार बाघिन टी 60 की शावक को जन्म देने के दौरान ही मौत हो गई. गौरतलब है कि रणथंभौर में वनाधिकारियों का सारा ध्यान पर्यटन पर है, ऐसे में बाघ-बाघिन की सही तरह से मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण लगातार किसी ना किसी वजह से रणथंभौर में बाघ-बाघिनों की मौत हो रही है. टी 60 की मौत से एक दिन पहले ही रणथंभौर की फलौदी रेंज में बाघिन टी 99 ऐश्वर्य का गर्भपात हो गया, टी 99 के गर्भवती होने की सूचना से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर थी, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं रही और कुछ घंटों बाद ही बाघिन टी 99 के गर्भपात की दुखद खबर सामने आई. आज एक बार फिर बाघिन टी 60 की अकाल मौत हो गई. रणथंभौर में लगातार बाघ-बाघिनों की मौत होना कही ना कही वन विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

पैंथर की भी हुई मौत

सवाई माधोपुर जिले के बौंली उपखण्ड क्षेत्र के गोल गांव के नजदीक वनखंड किला के पास सामाजिक वानिकी वनक्षेत्र में एक मादा पैंथर की मौत हो गई. वनकर्मियों को गस्त के दौरान मादा पैंथर का शव जंगल मे पड़ा मिला. वनकर्मियों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. सूचना पर वनकर्मियों की टीम के साथ वनाधिकारी मौके पर पहुँचे और मादा पैंथर के शव को कब्जे में लिया और शव को बौंली रेंज कार्यालय लाया गया. 

जहां पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा मादा पैंथर के शव का पोस्टमार्टम किया गया. जिसके बाद वनकर्मियों ने वनाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मादा पैंथर के शव का दाह संस्कार किया. पशु चिकित्सकों के मुताबिक मादा पैंथर की आंतों में इंफेक्शन मिला है संभवतया मादा पैंथर की मौत आंतो में इंफेक्शन की वजह से ही हुई है. मादा पैंथर के शव के अंतिम संस्कार के दौरान वनपाल भूपेंद्र सिंह जादौन,वनरक्षक कैलाश यादव, क्षेत्रीय वनाधिकारी कविता बाई जाट, सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे.

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