हींग : भारतीय रसोई की शान. जानें क्यों है सेहत के लिए भी फायदेमंद

भारतीय व्यंजनों में चुटकी भर हींग स्वाद और सुगंध को जादुई बनाती है. साथ ही इससे पेट गैस हो तो हींग पाउडर पानी में घोल नाभि पर लगाएं, आधे घंटे में आराम., छोटे बच्चों पर भी तुरंत असर., यही इसे मसाला और दवा दोनों बनाता है.

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हिंग की तस्वीर.

Health News: हींग भारतीय रसोई का वो जायका है जो किसी भी खाने का स्वाद और खुशबू को दस गुना अधिक बढ़ा देता है. किसी भी दाल. सब्जी या खिचड़ी में बस एक चुटकी हींग डाल दो. और वो इतनी लजीज बन जाती है कि किसी के भी मुंह में पानी आ जाए. लेकिन क्या आपको पता है कि जिस हींग को आप बड़े चाव से खा रहे हैं. वो बनती कैसे है और क्या ये सेहत के लिए भी अच्छी है?

जानें कैसे बनती है हींग

यह जंगली वनस्पति की जड़ों से निकलने वाला रस यानी गोंद है. गंध बेहद तेज होती है. पहले खुरासान. मुल्तान और रामठ देश (अब इजरायल का दक्षिणी भाग) से आती थी. बौद्धों के साथ भारत पहुंची. बाल्हीक नाम भी इसी वजह से पड़ा है.

आज की कंपाउंड हींग

बाजार वाली हींग शुद्ध नहीं होती. सिर्फ 30 फीसदी या उससे कम शुद्ध हींग रहती है. बाकी में मैदा. आटा. गोंद मिलाकर गंध हल्की की जाती है. कम मिलावट वाली ज्यादा तेज सुगंध देती है.

भारत में सबसे ज्यादा खपत

दुनिया में हींग सबसे अधिक भारत खाता है. पहले उत्पादन यहां नहीं था. कच्ची हींग अफगानिस्तान. ईरान. खुरासान से आयात होती थी. अब भारत में खेती शुरू. 2016-17 में ईरान से बीज मंगवाए गए.

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मुगल काल का व्यापार

मुगल दौर में आगरा हींग का बड़ा बाजार था. अफगानिस्तान से भेड़ों की खाल में बंदकर आती. वहां हींग और चमड़ा अलग बिकता. इसी से आगरा में जूते उद्योग फला. आज हाथरस शोधन का मुख्य केंद्र है.

सेहत के लिए वरदान

खाने के अलावा घरेलू नुस्खों में कारगर. पेट गैस हो तो हींग पाउडर पानी में घोल नाभि पर लगाएं, आधे घंटे में आराम., छोटे बच्चों पर भी तुरंत असर., यही इसे मसाला और दवा दोनों बनाता है.

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