हींग: सेहत का खजाना, पेट से दांत दर्द तक देती है राहत

हींग, जिसे फेरूला ऐसाफोइटिडा कहते हैं, स्वाद बढ़ाने के साथ सेहत के लिए वरदान है. आयुर्वेद में यह पाचन सुधारने, गैस, पेट दर्द, और कई बीमारियों जैसे अस्थमा, मिर्गी, और ब्लड शुगर नियंत्रण में कारगर है.

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हिंग की तस्वीर.

Health News: हींग, जिसे फेरूला ऐसाफोइटिडा के नाम से जाना जाता है, न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि सेहत के लिए भी वरदान है. आयुर्वेद में इसे पाचन सुधारने, गैस, पेट दर्द और अपच दूर करने का कारगर उपाय माना जाता है. चरक संहिता में भी हींग को भूख बढ़ाने और पेट की समस्याओं से राहत देने के लिए उपयोगी बताया गया है. रोजाना दाल, सब्जी या कढ़ी में चुटकी भर हींग डालने से भोजन आसानी से पचता है.

कई बीमारियों की एक दवा

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार हींग काली खांसी, अस्थमा, अल्सर, मिर्गी, ब्रोंकाइटिस और आंतों के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करती है. यह इन्फ्लूएंजा और ऐंठन जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद है. हींग में मौजूद कौमारिन खून को पतला करता है, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करता है, जिससे उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है. इतना ही नहीं, यह कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में भी सहायक है.

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दांत और कान दर्द में राहत

हींग का उपयोग दांत दर्द में भी चमत्कारी है. कपूर के साथ मिलाकर इसे दर्द वाली जगह पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है. कान दर्द में तिल के तेल में हींग पकाकर उसकी बूंदें डालने से दर्द कम होता है.  

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महिलाओं और ब्लड शुगर के लिए फायदेमंद

प्रसव के बाद हींग गर्भाशय को साफ करने और पेट की परेशानियों को दूर करने में मदद करती है. शोध बताते हैं कि यह इंसुलिन बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है. माइग्रेन या सिरदर्द में आधा कप पानी में हींग मिलाकर पीने से राहत मिलती है.  

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सावधानी जरूरी

शिशुओं और एलर्जी से पीड़ित लोगों को हींग का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. भारत में मुख्य रूप से अफगानिस्तान, ईरान और उज्बेकिस्तान से आयात होने वाली यह छोटी सी चुटकी सेहत का बड़ा खजाना है.

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