Asaram Bapu Parole: यौन उत्पीड़न के केस में जोधपुर जेल में बंद कथावाचक आसाराम बापू (Asaram Treatment) को इलाज के लिए राजस्थान हाई कोर्ट ने (Rajasthan High Court) 7 दिनों की पैरोल दी है. आसाराम का जोधपुर एम्स (Jodhpur AIIMS) में इलाज चल रहा था. जहां से उन्हें अब डिस्चार्ज कर दिया गया है. एम्स से डिस्चार्ज किए जाने के बाद आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल (Jodhpur Central Jail) लाया गया. फिलहाल आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में है. जहां से उन्हें इलाज के लिए महाराष्ट्र ले जाया जाएगा.
एम्स से डिस्चार्ज किए जाने के बाद यह जानकारी सामने आई थी कि आसाराम रविवार को जोधपुर सेंट्रल जेल से पैरोल संबंधित जरूरी कागजी कार्रवाई करने के बाद पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए महाराष्ट्र जाएंगे. लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है कि उसके अनुसार आसाराम का रविवार को महाराष्ट्र जाने का प्रोग्राम आगे बढ़ गया है.
खराब मौसम और तबीयत के कारण आगे बढ़ा आसाराम का प्रोग्राम
दरअसल जेल पहुंचने के बाद आसाराम का महाराष्ट्र जाने का प्रोग्राम बदल गया. इसके पीछे खराब मौसम और खराब तबीयत का हवाला दिया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार आसाराम ने जेल प्रशासन को बोला एक-दो दिन में तबीयत ठीक होने और मौसम सही होने के बाद मैं इलाज के लिए महाराष्ट्र जाऊंगा.
आसाराम को देखने के लिए जुटी भीड़
इससे पहले शनिवार को जोधपुर एम्स से डिस्चार्ज किए जाने के बाद आसाराम को देखने के लिए अस्पताल के गेट पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. अस्पताल के गार्ड और पुलिस जवानों ने कड़ी मशक्कत से आसाराम को एंबुलेंस में बिठाकर एम्स से बाहर निकले.
आसाराम एम्स से जोधपुर जेल शिफ्ट
मालूम हो कि आसाराम पिछले एक सप्ताह से जोधपुर एम्स में उपचार करवा रहे थे. शनिवार दोपहर बाद आसाराम को एम्स से जोधपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया है. जोधपुर सेंट्रल जेल में आसाराम को हाई कोर्ट से मिली पैरोल के लिए कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी. इसके तहत आसाराम को 50000 का खुद का बॉन्ड और दो 25-25 हजार के अलग मुचलके भरवाने होंगे.
करीब 11 साल बाद जेल से बाहर आएगा आसाराम
आसाराम आजीवन कारावास की सजा काट रहे है. करीब 11 साल बाद 13 अगस्त को पहली बार आसाराम को इलाज के लिए 7 दिनों का पैरोल मिला है. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश पुष्पेद्र भाटी और न्यायाधीश मुन्नारी लक्ष्मण की खंडपीठ ने जोधपुर एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सात दिन की पैरोल दी. इससे पहले भी आसाराम और से कई बार पैरोल के लिए याचिका लगी लेकिन राहत नहीं मिली थी.
पैरोल अवधि के दौरान आसाराम पर रहेगी ये सब पाबंदियां
हाईकोर्ट ने एमरजेंट पैरोल के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पैरोल का समय खपोली पहुंचने से गिना जाएगा. आने-जाने का समय पैरोल में शामिल नहीं होगा. न्यायालय ने अपने आदेश में कई तरह की पाबंदियां आसाराम पर लगाई हैं. इनमें यह निर्देशित किया गया है कि उसके साथ सहायक रहेंगे जो उसकी सुविधा के अनुसार होंगे इसके अलावा एक डॉक्टर भी रख सकेगा.
इसके अतिक्ति कोई भी व्यक्ति उपचार के दौरान उससे नहीं मिल सकेगा. जहां असाराम का निजी कमरे में उपचार होगा वहां पर 24 घंटे पुलिस का पहरा होगा. मीडिया को वहां इजाजत नहीं होगी. पैरोल के लिए आसाराम की ओर से व्यक्तिगत रूप से 50 हजार रुपए का बांड भरेगा साथ ही 25—25 हजार के दो लोगों की ठोस जमानतें देनी होगी.
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