Asaram Bapu Rape case: यौन उत्पीड़न मामले में करीब 11 साल से जेल में बंद कथावाचक आसाराम बापू (Asaram Bapu Rape case) को राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High COurt) से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने आसाराम को 7 दिनों का पैरोल (Asaram Parole) मंजूर कर लिया है. हालांकि कोर्ट ने 7 दिनों की इस आजादी में शर्त में लगाई है. आसाराम को इन शर्तों के साथ जेल से बाहर निकाला जाएगा और फिर पैरोल अवधि पूरी होने के बाद वापस जेल ले आया जाएगा. मालूम हो कि आसाराम बापू राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद है.
आसाराम के वकील ने कई बार कोर्ट का लगाया था चक्कर
आसाराम के वकील ने कई बार जमानत और पैरोल के लिए हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था. लेकिन कोर्ट ने हर बार आसाराम के पक्षकारों की दलील को खारिज करते हुए किसी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया था. लेकिन अब मंगलवार को हाई कोर्ट ने आसाराम को इलाज के लिए 7 दिनों का पैरोल मंजूर कर लिया.
महाराष्ट्र में होगा आसाराम का इलाज
राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने आसाराम की अंतरिम पेरोल को मंजूर किया है. आसाराम को इलाज के लिए महाराष्ट्र ले जाया जाएगा. महाराष्ट्र के आयुर्वेद विश्वविद्यालय में इलाज के लिए आसाराम के वकील ने कई बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बीते दिनों आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही थी इलाज जोधपुर में देना संभव नहीं है. ऐसे में आसाराम को इलाज के लिए महाराष्ट्र स्थित आयुर्वेद विश्वविद्यालय ही आना होगा. इस रिपोर्ट के आने के बाद हाई कोर्ट ने आसाराम को 7 दिनों की पैरोल मंजूर कर ली है.
इन शर्तों का करना होगा पालन
आसाराम को यह पैरोल इलाज के लिए मिली है. इस पैरोल अवधि में पुलिस के जवान हमेशा आसाराम के साथ रहेंगे. आसाराम जेल से बाहर तो निकलेगा लेकिन पुलिस की कस्टडी बनी ही रहेगी. पुलिस कस्टडी में ही आसाराम उपचार के लिए महाराष्ट्र जाएगा. साथ ही इलाज के लिए जाने-आने और साथ में तैनात पुलिस टीम की होने वाला खर्च भी आसाराम को वहन करना होगा.
उल्लेखनीय हो कि आसाराम को 31 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था. 1 सितंबर को आसाराम को जोधपुर लाया गया. तब से लेकर अभी तक जेल में थे और इस बार जो पैरोल मिली है. वह पहली बार मिली है लेकिन जिस तरह से आम कैदियों को पैरोल मिलती है उसमें और आसाराम को मिली पैरोल में रात दिन का अंतर है.
आमतौर पर किसी भी कैदी को जब पैरोल मिलती है तो वह स्वेच्छा से जमानत बांड भरकर अपने परिवार से मिलने चला जाता है और बाद में कह तारीख पर वापस जेल लौटता है आसाराम के मामले में जो पैरोल मिली है वह पुलिस कस्टडी के साथ इलाज करने के लिए जाना पड़ेगा.
यह भी पढ़ें - जेल से बाहर आएंगे आसाराम, मिली इलाज की इजाजत लेकिन कोर्ट ने रखी ये शर्त